कबड्डी में खत्म हुआ भारत का एकछत्र राज, पुरुष टीम की हार के महिला भी हारी
हालांकि किसी भी खेल की सबसे बड़ी खूबसूरती यही है कि यहां सालों से चैंपियन बनने वाली टीम को भी शिकस्त झेलनी पड़ती है। वहीं भारतीय टीम के साथ भी हुआ। पुरुष वर्ग में पिछले 28 सालों से चली आ रही बादशाहत जबकि महिला वर्ग में पिछले 12 साल से चले आ रहे जीत का सिलसिला अब थम चुका है। उल्लेखनीय है कि एशियन गेम्स में भारत की पुरुष कबड्डी टीम 2018 से पहले ही सभी सात आयोजनों का चैंपियन रहा था। जबकि महिला वर्ग में पिछले दोनों आयोजनों में भारतीय बेटियों ने स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था।
कबड्डी में भारतीय टीम की हार न केवल खिलाड़ियों के लिए बल्कि खेल प्रेमियों के लिए भी बड़ा झटका है। मैच के दौरान भी आपने देखा होगा कि अंतिम समय में भारतीय कप्तान अजय ठाकुर की आंखे नम थी। पुरुष टीम की हार के बाद भारतीय बेटियों से ये उम्मीद थी कि वो ईरान को हरा कर बदला चुकता करेंगे। लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। कारण कि ईरान की टीम की हर एक रणनीति के पीछे एक भारतीय महिला का बहुत बड़ा योगदान था। उन्हीं के दिशा-निर्देश पर चलते हुए ईरान ने यह जीत हासिल की।
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ईरान की टीम को मदद करने वाली यह भारतीय महिला शैलेजा जैन हैं। यहां एक बात साफ कर दूं कि जैन ने जो कुछ भी किया, वो उनका पेशा है। दरअसल शैलेजा ईरान की महिला कबड्डी टीम की कोच है। जैन पिछले डेढ़ साल से ईरान की महिला टीम को प्रशिक्षण दे रही है। ईरान को ट्रेनिंग देने के लिए शैलेजा ने फारसी भाषा सीखी। सख्त इस्लामिक नियमों के कारण उन्हें अपने काम में कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन शैलेजा ने हिम्मत नहीं छोड़ी। आज उनकी मेहनत रंग ला चुकी है।