चार फुट चार इंच के नवदीप के लिए उनकी लंबाई सबसे बड़ी बाधा थी क्योंकि भाले की लंबाई ही 7.21 फुट होती है। लेकिन नवदीप ने हार नहीं मानी और इसी खेल को अपना जुनून बना लिया। इस वर्ष हुई विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक जीतकर पेरिस पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई किया। पेरिस में नवदीप ने एफ 41 कैटैगरी में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। उन्होंने 47.32 मीटर तक थ्रो किया।
चार महीने पहले नवदीप के पिता का निधन हो गया था, जिसके बाद वे टूट गए थे। लेकिन मां और भाई ने नवदीप को हौसला दिया। परिवार के सहयोग से नवदीप उस सदमे से उबर पाए और स्वर्ण पदक जीत कर अपने पिता के सपने को पूरा किया।
07: गोल्ड मेडल
09: सिल्वर मेडल
13: ब्रॉन्ज मेडल ईरान के सादेघ बेत ने गंवाया स्वर्ण पदक
भाला फेंक की एफ 41 कैटेगरी में हालांकि ईरान के सादेघ बेत सयाह ने 47.65 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन फिर उन्हें नियम 8.1 का उल्लंघन करने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस नाटकीय घटनाक्रम के बाद नवदीप के रजत पदक को स्वर्ण में अपग्रेड कर दिया गया।
सादेघ को अयोग्य घोषित करने का कारण नियमों का उल्लंघन है। ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों को लेकर नियम है कि इन खेलों में कोई भी खिलाड़ी किसी भी तरह का राजनीतिक प्रदर्शन नहीं कर सकता। सादेघ ने यही गलती कर दी। वह बार-बार आपत्तिजनक झंडा दिखा रहे थे जिसके कारण उन्हें सजा दी गई।