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हर बच्चे को ‘राइट टू प्ले’ हक दिलाने के लिए पीबीएल ने क्राई से मिलाया हाथ

Published: Dec 20, 2018 07:51:21 pm

Submitted by:

Prabhanshu Ranjan

भारतीय एनजीओ क्राई ने परिजनों और समुदायों के बीच 23 राज्यों में 850 से अधिक इस इनिशिएटिव पर काम किया है। क्राई अपने इस अभियान के तहत 20 लाख से अधिक गरीब बच्चों को उनके अधिकार दिलाने के लिए प्रयासरत है।

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हर बच्चे को ‘राइट टू प्ले’ हक दिलाने के लिए पीबीएल ने क्राई से मिलाया हाथ

नई दिल्ली । हर बच्चे को ‘राइट टू प्ले’ हक दिलाने के लिए वोडाफोन प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) ने बच्चों के अधिकारों के लिए बीते चार दशक से काम कर रही गैर सरकारी संस्था-चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) के साथ हाथ मिलाया है। भारतीय एनजीओ क्राई ने परिजनों और समुदायों के बीच 23 राज्यों में 850 से अधिक इस इनिशिएटिव पर काम किया है। क्राई अपने इस अभियान के तहत 20 लाख से अधिक गरीब बच्चों को उनके अधिकार दिलाने के लिए प्रयासरत है। क्राई का मानना है कि खुशहाल बचपन हर बच्चे का अधिकार है। साथ ही क्राई मानता है कि खेल बच्चों के विकास के लिए बेहद जरूरी कारक है और इसी कारण क्राई ने बच्चों को स्वस्थ तथा क्रिएटिव माहौल देने के लिए एक लक्ष्य तय किया है और उसे आशा है कि वह इस लक्ष्य को पाने में सफल रहेगा।

क्राई ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विश्व के दूसरे सबसे लोकप्रिय खेल बैडमिंटन को साधन बनाया है। पीबीएल के माध्यम से दुनिया भर से बैडमिंटन स्टार ‘राइट टू प्ले’ अभियान का समर्थन करते नजर आएंगे। क्राई मानता है कि इस अभियान से बच्चों में एक तरह की जागरूकता आएगी और वे बाल मजदूरी, स्कूल से निकलने और बाल विवाह जैसी सामाजिक तथा आर्थिक बुराइयों से निकल पाएंगे। इस अभियान पर स्पोर्ट्सलाइव के कार्यकारी निदेशक प्रसाद मांगीपुडी ने कहा, “हम भी क्राई के ही रास्ते पर हैं। हम उनकी चिंताओं और सोच को आगे तक ले जाएंगे और यह उम्मीद करेंगे कि हमारे साझा प्रयासों से बच्चों के जीवन में निश्चित तौर पर कुछ बदलाव आएगा। पीबीएल के साथ लाखों की संख्या में युवा शक्ति जुड़ी हुई है और इसे साधन के रूप में अपनाते हुए क्राई ने हर गरीब और बेसहारा बच्चे को उसका अधिकार दिलाने के लिए एक सार्थक कदम उठाया है। हम इस करार के माध्यम से ऐसे हर बच्चे को मजबूती प्रदान करने की कोशिश करेंगे।”

क्राई ने अपने अभियानों में फुटबाल का सहारा लिया है और इसके काफी अच्छे परिणाम निकले हैं। अब क्राई ने बैडमिंटन को इस सामाजिक बदलाव के लिए साधन के रूप में अपनाने का फैसला किया है। इस काम में कैरोलिना मारिन, सायना नेहवाल, पीवी सिंधु जैसे दिग्गज बच्चों के जीवन में बदलाव लाने के लिए संदेश देते नजर आएंगे।क्राई की रिजनेल डाइरेक्टर (साउथ) सुमा रवि ने कहा, “वोडाफोन पीबीएल के साथ जुड़ना हमारे लिए उल्लास का विषय है। क्राई और पीबीएल एक ही विजन-‘राइट टू प्ले’ पर काम करते हैं। हमने खेल को बच्चों के जीवन में असीम बदलाव लाने वाले साधन के रूप में देखा है। पीबीएल एक महान फोरम है और इसके माध्यम से हम बच्चों के अधिकारों से जुड़े कई गम्भीर मुद्दों को लेकर जागरूरकता फैला सकते हैं। एक सजग और ज्ञानवान समाज बच्चों के अधिकारों के लिए बेहतर तौर पर काम कर सकता है। बच्चों के जीवन में आमूल बदलाव लाने के हमारे प्रयासों के तहत पीबीएल के साथ साझेदारी एक नए अध्याय की शुरुआत है।”

भारत की अग्रणी युगल बैडमिंटन स्टार अश्विनी पोनप्पा क्राई के अभियानों में लगातार हिस्सा लेती रही हैं और एक बार फिर वह क्राई के अभियान में पीबीएल के माध्यम से सहयोग देंगी।क्राई मुख्यतया दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, बेंगलुरू और चेन्नई के बाहर काम करता है। क्राई का मानना है कि वोडाफोन पीबीएल के साथ इस नई साझेधारी के माध्यम से वह खेल को एक साधन के रूप में अपनाकर अपने प्रयासों को नई ऊंचाई तक ले जाने मे सफल रहेंगे।ख रहे थे हेटमेयर, जब पता चला बन गए करोड़पति नाचते हुए किया भगवान का शुक्रिया

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