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photo gallery : महिला पहलवान पूजा ढांढा ने दंगल मूवी करने से क्यों किया था मना, तस्वीरों के माध्यम से जानिए क्या थी वजह

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Published: December 25, 2017 11:11:08 am
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तीनो महिलाओं के अंतिम चरण में पहुंचने के बाद फाईनल ऑडिशन हेतु तीनो महिला पहलवानों को दंगल कास्टिंग निदेशक मुकेश छाबड़ा द्वारा मुंबई में आमंत्रित किया गया था, कास्टिंग विभाग ने ऑडिशन के दौरन पूजा ढांढा को अभिनय और हरियाणावी बोलने के अंदाज में सर्वश्रेष्ठ पाया । जहां पूजा ढांढा को बबीता की भूमिका के लिए चुना गया था लेकिन इस महिला पहलवान ने यह आफर ठुकरा दिया ।

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प्रो रेसलिंग के लिए पंजाब रॉयल्स टीम की मेंबर पूजा ढांढा ने बताया कि फिल्म में उन्हें भी गीता की बहन बबीता का रोल निभाने का ऑफर मिला था, लेकिन उस दौरान पूरी तरह फिट नहीं होने की वजह से उन्होंने मना कर दिया ।

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उन्होंने बताया की मुझे वर्ष 2015 लखनऊ ट्रेनिंग के दौरान मेरे पैर (गुठने) में चोट लगी थी । जिस वजह से मुझे काफी समय कुश्ती से बाहर रहना पड़ा। लेकिन इसके बावजूद मेने हिम्मत नहीं हारी । और करीब दो साल बाद प्रो लीग से रिंग में वापसी की ।

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आमिर जानते थे की आमतौर पर स्पोर्ट्स फिल्में खेल दिखाए जाने वाले दृश्यों में मार खा जाती हैं । नकलीपन हावी हो जाता है, वे जानते थे की एक अभिनेत्री के लिए कुश्ती करना कितना मुश्किल है ।

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कुश्ती एक ऐसा खेल है जिसमें किसी शस्त्र का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता और इसमें चोट लगना लाजमी है, साथ ही कुश्ती के सीन करना, एक पहलवान की तरह अभिनय करना और उसके लिए रोज कुश्ती अभ्यास करना अभिनेत्रियों के लिए काफी मुश्किल था । इसी को देखते हुए प्रोफेशनल महिला पहलवानों के ऑडिशन लिए गए । ताकि हम गीता बबिता के किरदार हेतु महिला पहलवानों में से ही चुने

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पूजा ढांडा खेल के साथ साथ उभरती खेल प्रतिभाओं को खेल के गुर भी सीखा रही है। मौजूद समय में हिसार के महाबीर स्टेडियम में बतौर कुश्ती कोच तैनात है । वह हिसार के खिलाड़ियों को कुश्ती की बारीकियां सिखा रही है । साथ ही अपना खेल अनुभव उनके साथ सांझा कर रही है ताकि उनके पास प्रशिक्षण प्राप्त कर खिलाड़ी खेल में अपनी बेहतर खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर हिसार के साथ साथ देश को खेल में सम्मान दिलाए ।

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पूजा ने साल 2017 में साउथ अफ्रीका में हुई कॉमनवेल्थ रेसलिंग में स्वर्ण पदक हासिल किया। 2014 में कजाकिस्थान में हुई सीनियर एशियाई में कास्य पदक हासिल किया। 2013 में साउथ अफ्रीका में हुई कॉमनवेल्थ रेसलिंग में कांस्य पदक हासिल किया। 2012 में कजाकिस्तान में हुई जूनियर एशिया रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। साल 2011 में हंगरी में हुई वल्र्ड कैडेट रेसलिंग चैपिंयनशिप में सिल्वर पदक जीता। साल 2011 में बैंकॉक में एशिया कैडेट जूनियर रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता । वहीं साल 2010 में सिंगापुर में हुई यूथ ओलंपिक चैंपियनशिप में सिल्वर पदक हासिल किया।

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