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विश्व चैंपियन पावरलिफ्टर गौरव कोरोना संकट में कर रहे मदद, रोजाना 1000 लोगों को खिला रहे खाना

locationनई दिल्लीPublished: May 20, 2021 10:44:53 am

Submitted by:

Mahendra Yadav

इस संकट के समय में कई लोग ऐसे भी हैं जो लोगों की हरसंभव मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें खेल जगत के भी कई सितारे शामिल हैं।

Gaurav sharma

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देश में कोरोना वाययस ने तबाही मचाई हुई है। रोजाना लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। वहीं कोरोना की वजह से कई राज्यों में लॉकडाउन लगा हुआ है। ऐसे में लोगों के रोजी-रोटी का भी संकट है। इस संकट के समय में कई लोग ऐसे भी हैं जो लोगों की हरसंभव मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें खेल जगत के भी कई सितारे शामिल हैं। विश्व चैंपियन पावरलिफ्टर और भारतीय पॉवर लिफ्टर गौरव शर्मा कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए आगे आए हैं। गौरव हर रोज करीब 1,000 लोगों के लिए खाना खुद बना रहे हैं और उसे बांट भी रहे हैं। सरकार द्वारा स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए गौरव जरूरतमंद लोगों को खाना पहुंचा भी रहे हैं।
छोटे बच्चों को भोजन के लिए रोते देखना निराशाजनक
साथ ही गौरव ने कहा कि अभी देश में स्थिति बहुत खराब है और लॉकडाउन के कारण कई लोगों का नुकसान हुआ है। गौरव ने कहा कि उन्हें पता है कि लॉकडाउन की जरूरत है, लेकिन साथ ही इसने सड़क पर कई लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। गौरव ने कहा,’मैं सड़क पर गरीब लोगों की मदद करने के लिए जो कुछ भी कर सकता हूं, कर रहा हूं। छोटे बच्चों को भोजन के लिए रोते देखना निराशाजनक है। मैंने दूसरों से भी उनकी मदद करने के लिए कहा है।’
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पावरलिफ्टिंग के बाद शूटिंग से जुड़े
गौरव ने आगे कहा कि उन्होंने चांदनी चौक में अपने मंदिर में लोगों के लिए खुद खाना बनाया, जहां वे महंत हैं। गौरव ने इंग्लैंड में 2016 विश्व पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीते। शुरुआत में भारोत्तोलक के रूप में शुरुआत करने वाले गौरव ने बाद में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच भूपेंद्र धवन के मार्गदर्शन में पावरलिफ्टिंग की ओर रुख किया। लेकिन अब वे शूटिंग खेल से जुड़ चुके हैं।
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17 साल की उम्र में शुरू की पावरलिफ्टिंग
गौरव ने मात्र 17 साल की उम्र में पॉवरलिफ्टिंग शुरू कर दी थी। गौरव भारत में पावरलिफ्टिंग की लोकप्रियता को बढ़ाना चाहते हैं। उनका कहना है कि हमारे देश में इस खेल की काफी संभावनाएं हैं। उनका कहना है कि वे संन्यास लेने के बाद पूरे भारत में इस खेल को और लोकप्रिय बनाने के लिए खुद को कोचिंग के लिए समर्पित करना चाहते हैं।
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