श्रीजेश ने 18 साल पहले 2006 में श्रीलंका में हुए दक्षिण एशियन गेम्स में डेब्यू किया था। उसके बाद से श्रीजेश भारतीय टीम के नियमित सदस्य हैं। इस दौरान टीम में काफी बदलाव देखने को मिले लेकिन श्रीजेश पर टीम मैनेजमेंट का भरोस कायम रहा। वर्ल्ड हॉकी में पीआर श्रीजेश को उनकी सहज प्रवृत्ति के लिए जाना जाता है।
मैदान पर उतरने से पहले आखिरी बार श्रीजेश ने प्रशंसकों के लिए सोशल मीडिया पोस्ट पर एक नोट में लिखा, “जैसे ही मैं अंतिम बार गोलपोस्ट के बीच खड़ा हुआ, मेरा दिल कृतज्ञता और गर्व से भर गया। एक सपना देखने वाले एक युवा लड़के से भारत के सम्मान की रक्षा करने वाले व्यक्ति तक की यह यात्रा असाधारण रही है। आज मैं भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेलूंगा। हर बचाव, हर छलांग, भीड़ का शोर हमेशा मेरी आत्मा में गूंजती रहेगी। भारत, मुझ पर विश्वास करने के लिए, मेरे साथ खड़े रहने के लिए धन्यवाद। यह अंत नहीं है, बल्कि यादगार पलों की शुरुआत है। सदैव सपनों का एक गोलकीपर। जय हिन्द।”