इस तरह फाइनल में पहुंची दोनों टीमें-
ग्रुप-चरण में जोन-बी में 22 मैचों में 13 मैच जीतकर शीर्ष पर रहने वाली बेंगलुरू ने क्वालिफायर-1 में गुजरात को 41-29 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया जबकि गुजरात ने क्वालिफायर-2 में यूपी योद्धा को 38-31 से मात देकर खिताब मुकाबले में प्रवेश किया है।
पिछली बार चैंपियन बनने से चूका था गुजरात-
गुजरात को पिछले सीजन के फाइनल में तीन बार की चैम्पियन पटना पाइरेट्स से 38-55 हार का खिताब से वंचित होना पड़ा था। वहीं, बेंगलुरू को सीजन-2 के फाइनल में यू-मुंबा के हाथों 30-36 से मात खानी पड़ी थी। हालांकि इस बार दोनों टीमों के पास अपने पिछले फाइनल के प्रदर्शन को भूलाकर नया चैम्पियन बनने का मौका है।
रेडर पवन पर निर्भर बैंगलोर की किस्मत-
बेंगलुरू के पास इस सीजन में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो पहली बार चैम्पियन बनने के टीम के सपने को पूरा कर सकते हैं। टीम के रेडर पवन कुमार सहरावत इस समय टोटल प्वाइंट् और रेड प्वाइंट्स के मामले में शीर्ष पर चल रहे हैं। पवन के नाम इस समय 260 टोटल प्वाइंट्स और 249 रेड प्वाइंट्स हैं। इसके अलावा रोहित कुमार और काशीलिंग अडाके से भी टीम को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी। कप्तान रोहित ने कहा, “हम अपनी रेडिंग और डिफेंस को मजबूत करने पर ध्यान लगा रहे हैं क्योंकि गुजरात की टीम एक युवा टीम है जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। उन्होंने पूरे सीजन कमाल का प्रदर्शन किया है इसलिए हमारी कोशिश है कि हम उन्हें फाइनल में कड़ी टक्कर दें।”
गुजरात को अपने ऑल-आलराउंडरों से उम्मीद-
दूसरी तरफ गुजरात की बात करें तो उसके पास भी प्रवेश भैंसवाल, कप्तान सुनील कुमार, सचिन विटाला और रोहित गुलिया के रूप में बेहतरीन रेडर और आलराउंडर मौजूद हैं। प्रवेश के नाम अब तक 84 टैकल प्वाइंट है। गुजरात की टीम लीग चरण में 22 मैचों में 17 जीत के साथ जोन-ए में शीर्ष पर रही थी। वहीं कप्तान सुनील ने कहा, “सीजन-6 मेरे लिए बेहद खास है। मैं पहली बार टीम का कप्तान बना हूं और टीम फाइनल तक पहुंची है। हमने पूरे सीजन एकजुट होकर अच्छा खेल दिखाया है और हम ट्रॉफी उठाने के लिए बेताब हैं। बेंगलुरू बुल्स के खिलाफ हमने पिछले मैच में कुछ गलतियां की थीं, जिसे हम यहां फिर नहीं दोहराएंगे।”