पहले मैच से बनाई पकड़ –
लगातार दूसरे साल टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली सिंधू ने कोई गलती नहीं की और ओकुहारा से पिछले साल वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में मिली हार का हिसाब चुकता कर लिया। रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता का यह पहला वर्ल्ड टूर फाइनल खिताब है। सिंधु ने वर्ल्ड नम्बर-5 ओकुहारा को एक घंटे और दो मिनट तक चले मैच में सीधे गेमों में 21-9, 21-17 से हराकर खिताबी जीत हासिल की। 23 साल की भारत की इस बेटी ने पहले ही गेम से शानदार प्रदर्शन करते हुए मैच में पकड़ बनाई। पहले गेम में ब्रेक में उन्होंने 11-6 की बढ़त हासिल कर ली थी। लेकिन ब्रेक के बाद जापानी खिलाड़ी ओकुहारा ने शानदार वापसी करते हुए स्कोर को एक समय 15-13 तक ले आईं। ऐसे में सिंधू के लिए परेशानियां बढ़ती दिख रही थीं। इसके बाद स्कोर 17-17 हो गया। लेकिन सिंधू ने धीरज रखते हुए मैच में अपनी पकड़ बरकरार रखी लेकिन अकुहारा भी मैच में एड़ी से छोटी तक का जोर लगा रही थी। उन्होंने स्कोर को 20-19 तक पहुंचा दिया। लेकिन अंत में बाजी सिंधू के ही हाथ लगी और उन्होंने 21-19 से पहले गेम अपने नाम कर 1-0 की बढ़त बना ली।
दूसरे गेम में ही हरा जीता ख़िताब –
दूसरे गेम में भी सिंधू ने अकुहारा को कड़ी टक्कर दी। दोनों खिलाड़ियों के बीच के बीच एक एक अंक के लिए कड़ा मुकाबला हुआ। दोनों ने आसानी से अंक नहीं दिए। दूसरे गेम के ब्रेक तक सिंधू ने 11-9 की बढ़त बना ली थी। ब्रेक के बाद भी सिंधू ने अपना शानदार खेल जारी रखा और अंत में उन्होंने दूसरा गेम भी 21-17 से अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ सिंधु ने ये ख़िताब अपने नाम कर लिया। रिओ ओलिंपिक के बाद सिंधु लगातार फाइनल मुकाबले में हारकर ख़िताब जीतने से वंचित रह जाती थीं। पिछले दो साल में ये सातवीं बार है जब सिंधु ने किसी बड़ी स्पर्धा का फाइनल खेला हो।
लगातार मिली फाइनल में हार –
बता दें सिंधु ने साल 2017 में रिओ ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप, सुपर सीरीज फाइनल्स में भारत के लिए पदक जीता था। वहीं 2018 में राष्टमंडल खेल, वर्ल्ड चैंपियनशिप और एशियाई खेल में वो रजत पदक जीत चुकी हैं। लगातार रनरउप रहने वाली सिंधु ने आखिरकार ये ख़िताब अपने नाम कर लिया।