रियो ओलंपिक में भारत के लिए 100 मी. फर्राटा दौड़ में हिस्सा लेने जा रही दुति चंद ने सरकार से की जूते और ट्रेकसूट की मांग
नई दिल्ली। ओडिशा की 20 वर्षीय दुति चंद तेज धावक है और उनका एक ही लक्ष्य है रियो ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतना। वह 36 साल बाद ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला है जिसने रियो ओलंपिक के लिए 100 मी. फर्राटा दौड़ में क्वालीफाई किया है।
दुति ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना इतना आसान नहीं है। हां मैं अपने दिल और आत्मा में याद रखूंगी बसा लिया है कि मुझे रियो में गोल्ड जीतना है और इसके लिए मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगी।
हालांकि, फर्राटा धावक दुति चंद सरकार से समर्थन नहीं मिलने से नाखुश है। उन्होंने कहा कि सरकारों को भारतीय एथलीटों प्रोत्साहित करना चाहिए। ओडिशा के मुख्यमंत्री (नवीन पटनायक) ने मुझे शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया है, जिससे मेरी हिम्मत बढ़ी है। मैं निश्चित तौर पर रियो में गोल्ड मेडल जीतने की कोशिश करूंगी।
दुति ने बताया कि उनके पास दौडऩे के लिए जूते और पहनने के लिए ट्रेकसूट नहीं है। अब तक जो जूते मैं पहनती थी वे फट गए हैं। ये बहुत महंगे आते हैं। इसके लिए मैंने राज्य सरकार से निवेदन किया है कि मुझे ट्रेकसूट और एक जोड़ी दौडऩे वाले जूते दिए जाएं।
मुझे बुरा लगता है कि देश और प्रदेश के लिए सम्मान हासिल करने के बावजूद मुझे भिखारियों की तरह सरकार से मांगना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार को स्वयं ध्यान रखना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है।
बेहद गरीब परिवार दुती जाजपुर के गोपालपुर गांव के बेहद गरीब परिवार की लड़की है। दो साल पहले उन्हें इसलिए प्रतिबंधित कर दिया गया क्योंकि शरीर में पुरुषों वाले हार्मोन ज्यादा थे। लिंग विवाद के कारण लंबी कानूनी लड़ाई लडऩे के बाद प्रतिबंध हटा व दुती ने रियो की पात्रता हासिल की।