नई दिल्ली। हरियाणा की स्टार महिला रेसलरों गीता और बबीता फोगाट की कहानी पर बनीं दंगल फिल्म में उनकी ही छोटी बहनों को सिल्वर स्क्रीन पर उनकी जिंदगी निभाने का मौका मिलना था, लेकिन फिल्म में बेहद कड़े अनुशासन वाले दिखाए गए इन बहनों के पिता महावीर फोगाट का कुश्ती प्रेम यहां आड़े आ गया और उन्होंने कुश्ती अभ्यास की कीमत पर स्टूडियो के चक्कर काटने की इजाजत नहीं दी। इसके बाद ही फिल्म निर्माता ने ये रोल करने वाली कलाकारों का चयन किया।
यह कहना है भारतीय महिला कुश्ती का आइकन बन गईं फोगाट बहनों में तीसरे नंबर की बहन रितु फोगाट का। जो यहां प्रो रेसलिंग लीग के दूसरे संस्करण में शामिल की गई नई टीम जयपुर निंजा के लोगो लांच में मौजूद थीं। इस मौके पर टीम मालिक राम गुप्ता व कार्तिकेय शर्मा भी मौजूद थे। टीम का थीम सांग भी लांच किया गया। अजमेर के सूफी संगीतकार सतीश शर्मा की तरफ से बनाया थीम सांग पूरी तरह राजस्थानी संस्कृति का अहसास दिलाता है।
मेरी बहनें मेरी आदर्श, उनसे मेरी तुलना नहींअपनी स्टार बहनों गीता और बबीता के मुकाबले प्रो रेसङ्क्षलग लीग में दोगुनी कीमत पाने वाली जयपुर निंजा की आइकन खिलाड़ी रितु फोगाट ने शुक्रवार को अपनी बहनों से तुलना के बारे में पूछे जाने पर कहा, मैं अपनी बड़ी बहनों से कोई तुलना नहीं करना चाहूंगी। मेरी बहनें मेरी आदर्श हैं। उन्होंने मुझे ज्यादा पैसे मिलने पर बधाई दी कि तू तो छा गई। तू तो हमसे भी ऊपर चली गई है। इस साल सिंगापुर में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुकीं और पिछली दो बार की सीनियर राष्ट्रीय चैंपियन 48 किग्रा की रितु नेकहा कि अब मुझे यह साबित कर दिखाना है कि मुझे सही कीमत मिली है।
नहीं किया बहनों जैसा संघर्षदंगल फिल्म में दिखाया गया कि गीता और बबीता ने कितना संघर्ष करने के बाद कुश्ती में नाम कमाया। रितु मानती हैं कि उन्हें अपनी बहनों से बेहद कम संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने कहा, मुझे अपनी बहनों और पिता का सहयोग मिला। इसके चलते मुझे संघर्ष तो नहीं करना पड़ा। लेकिन हर जगह कुश्ती के लिए उतरते ही ये दबाव जरूर होता है कि हर कोई कहता है, देखो फोगाट बहनों में से एक है, ये जरूर जीतकर जाएगी।
हमारे प्यार में भी कुश्ती और लड़ाई में भी कुश्तीरितु ने माना कि एक परिवार में छह पहलवान (दो चचेरी बहन भी) होने का फायदा मिलता है। उन्होंने कहा, हमारे बीच जब भी कोई चर्चा होती है तो वह कुश्ती पर ही केंद्रित रहती है। चाहे हम प्यार की बात करें या आपस में लड़ें, लेकिन उसमें भी बात कुश्ती पर ही होती है। हम सब एक साथ अभ्यास करती हैं, जिसका हम सभी को फायदा मिलता है।
बदल रहा है लड़कियों के लिए नजरियारितु पिछले साल की चैंपियन मुंबई गरुड़ में शामिल थीं, लेकिन इस बार वह जयपुर का प्रतिनिधित्व करेंगी। राजस्थान की छवि भी हरियाणा की तरह लड़की विरोधी होने की बात पर रितु ने कहा कि अब लोगों की सोच बदल रही है। इसके चलते मुझे लगता है कि राजस्थान में भी मुझे पूरा सपोर्ट मिलेगा।
कमजोर टीम से कोच को बड़ी उम्मीदप्रो लीग के पहले संस्करण में मुंबई गरुड़ को चैंपियन बनाने वाले द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच महावीर प्रसाद दूसरे संस्करण में जयपुर टीम के मुख्य सलाहकार एवं कोच बने हैं। महावीर को अपनी टीम के अच्छे प्रदर्शन का विश्वास है। उन्होंने कहा, जयपुर ङ्क्षनजा में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो आगे चलकर ओलंपिक में देश के लिए पदक जीत सकते हैं। हमारे पास बड़े नाम नहीं हैं, लेकिन ऐसे पहलवान जरूर मौजूद हैं, जो अंतरराष्ट्रीय पहलवानों को पछाड़ सकते हैं।
यह है जयपुर निंजा टीममहिला वर्ग में रितु के अलावा रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता स्वीडन की जैनी फ्रैंनसन (75 किग्रा) और वेनेजुएला की बेत्जाबेथ आरगुएलो (53) शामिल हैं। पुरुष वर्ग में रियो ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहे जार्जिया के एलिजबार ओदिकाद्जे (97) और विश्वकप के कांस्य विजेता याकूब माकर्शविली (74) भी टीम को मजबूती देंगे। टीम के भारतीय पहलवानों में पूजा ढांडा (58), उत्कर्ष काले (57), राहुल मान (65) और विनोद कुमार (70) शामिल हैं।