हर्ड करियर के शुरुआत में चोटों से बेहद परेशान रहीं। उन्हें लिगामेंट इंजरी के कारण लंबे समय तक मैदान से बाहर रहना पड़ा और जब वे वापसी की राह देख रही थीं, तभी कोरोना महामारी फैल गई और लॉकडाउन लगा दिया गया। लॉकडाउन के चलते तात्याना का खेल छूट गया और कोचिंग से भी आमदनी बंद हो गई, जिसके बाद उन्हें घर चलाने के लिए स्थानीय सुपरमार्केट में नौकरी करनी पड़ी।
तात्याना ने कहा, तीन साल तक जिंदगी बेहद उबाऊ थी। सुबह जल्दी उठो, सुपरमार्केट की शिफ्ट करो, ट्रेनिंग करो और सो जाओ। इस दिनचर्या से मैं बोर हो चुकी थी। सच कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं विश्व कप में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करूंगी। तात्याना ने कहा, सितंबर में जब मेरा चयन इंग्लैंड टीम में हुआ तो मैं चौंक गई थी।
इंग्लैंड टीम में तात्याना की तीन साल बाद वापसी हुई, उन्हें अंबर रीड की जगह शामिल किया गया। उन्हें विश्व कप के पूल मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मौका मिला, जिसे उन्होंने जमकर भुनाया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तात्याना प्लेयर ऑफ द मैच चुनी गईं। अब फाइनल में भी तात्याना से कोच को इसी प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद है।