चोटिल मारिन ने छोड़ा फाइनल
सायना और विश्व नंबर 4 मारिन के बीच अभी मुकाबला शुरू ही हुआ था कि वह चोटिल हो गईं। मैच केवल सात मिनट तक चला था कि सर्विस लेने दौरान मारिन के पैर में चोट आ गई। मारिन ने चोट के बाद कोर्ट पर वापसी करने की कोशिश जरूर की और इसके बाद उन्होंने पहले गेम में भारतीय खिलाड़ी पर 10-4 की बढ़त भी बना ली, लेकिन इसके आगे वह अपना खेल जारी नहीं रख पाईं और मैच छोड़ने का निर्णय किया। स्पेन की बैडमिंटन खिलाड़ी कैरोलिना मारिन के रिटायर्ड हर्ट होने के कारण सायना विजेता घोषित कर दिया गया। बता दें कि इस खिताब को जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी सायना हैं। इससे पहले कोई भारतीय महिला शटलर इस खिताब को अपने नाम नहीं कर पाया था।
डेनमार्क के पहले खिलाड़ी बने एंटोनसेन
सायना की ही तरह डेनमार्क के बैडमिंटन खिलाड़ी विश्व वरीयता क्रम में 20वें स्थान पर कायम आंद्रेस एंटोनसेन के लिए भी रविवार का दिन बेहद खास रहा। वह इंडोनेशिया मास्टर्स बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीतने वाले डेनमार्क के पहले पुरुष खिलाड़ी बनें। पुरुष एकल वर्ग के फाइनल में उन्होंने बड़ा उलटफेर करते हुए विश्व नंबर-1 केंटो मोमोटा को मात दी। उन्होंने एक घंटे और 19 मिनटों तक चले संघर्षपूर्ण मुकाबले में मोमोटा को 21-16, 14-21, 21-16 से हराकर खिताबी जीत हासिल की।
मोमोटा के खिलाफ पहली बार जीते
आंद्रेस का सामना चौथी बार जापान के खिलाड़ी मोमोटा से हुआ था और उन्हें पहली बार मोमोटा के खिलाफ जीत हासिल की। इससे पहले तीन मैचों में उन्हें मोमोटा से हार का सामना करना पड़ा था।
महिला युगल जापानी जोड़ी को
महिला और पुरुष एकल वर्ग के अलावा इस टूर्नामेंट के महिला युगल वर्ग का फाइनल भी खेला गया। यह खिताब जापान की मिसाकी मात्सुटोमो और अयाका ताकाहाशी की अनुभवी जोड़ी ने जीता लिया है। मिसाकी और अयाका की जोड़ी ने 40 मिनटों के भीतर दक्षिण कोरिया की किम सो येओंग और कोंग ही योंग की जोड़ी को सीधे गेमों में 21-19, 21-15 से हराकर खिताबी जीत हासिल की।