CWG का फैसला काफी निराशाजनक है- जॉयदीप करमाकर
करमाकर ने हालांकि भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) द्वारा किए गए विरोध की प्रशंसा की है और कहा है कि इस फैसले का असर उनकी शिष्य मेहुली घोष जैसे कई खिलाड़ियों पर पड़ेगा। करमाकर ने एक न्यूज एजेंसी को दिए बयान में कहा है, एक निशानेबाज होने के नाते और निशानेबाजी जगत का हिस्सा होने के नाते, यह जाहिर तौर पर काफी निराशाजनक है। सिर्फ भारत के ही नहीं, बल्कि निशानेबाजी एक खेल के तौर पर काफी आगे बढ़ रहा था और इसका राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा इतिहास है।
पीएम दें दखल तो होगी बहुत खुशी- करमाकर
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को इस मामले में दखल देना चाहिए। यह ओलम्पिक की नीति के खिलाफ है। भारत का पक्ष किसी के खिलाफ नहीं है। यह इसलिए ताकि इस खेल को और बढ़ाया जाए। हम किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। करमाकर ने कहा, यह किसी प्रक्रिया में दखलअंदाजी नहीं है, लेकिन यह खेल की बात है। मुझे लगता है कि अगर प्रधानमंत्री कार्यालय का दखल इसमें होता तो मुझे खुशी होती।
आपको बता दें कि राष्ट्रमंडल खेल महासंघ ने फैसला किया है कि 2022 में बर्मिघम में होने वाले खेलों में निशानेबाजी को जगह नहीं मिलेगी। शूटिंग को बाहर कर तीन नए खेलों को शामिल करने का फैसला किया गया है।