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अपने बैडमिंटन के सफर की शुरुआत में कुछ इस तरह दीखते थे सिंधु और श्रीकांत

Published: Dec 07, 2017 04:46:01 pm

Submitted by:

Kuldeep

भारत के दो स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी कदम्बी श्रीकांत और पीवी सिंधु ने ट्विटर पर अपने बचपन की तस्वीर शेयर की है।

sindhu and srikant in the beginning of there badminton journey
नई दिल्ली। भारत के दो स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी कदम्बी श्रीकांत और पीवी सिंधु ने ट्विटर पर अपने बचपन की तस्वीर शेयर की है। दोनों ने तब की तस्वीर शेयर की है जब उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। बता दें दोनों ने अपने बैडमिंटन की शुरुआत पुलेला गोपीचंद के अकादमी से शुरू किया था। गोपीचंद पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी है।
https://twitter.com/srikidambi?ref_src=twsrc%5Etfw

सिंधु का सफर
भारतीय शटलर सिंधु ने सपने बचपन की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा ” ये में हूँ तब में 8 साल की थी युवा शटलर से ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट तक का सफर बहुत अच्छा रहा” इसके आगे उन्होंने कदम्बी से पुछा आपकी क्या स्टोरी है? बता दें सिंधु बचपन में 8-9 साल की उम्र में रोजाना 56 किलोमीटर की दूरी तय कर बैडमिंटन कैंप में ट्रेनिंग लेने जाती थीं। रियो ओलंपिक-2016 में रजत पदक जीतकर सिद्धू भारत के लिए किसी भी खेल में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं। सिंधु ने अपने अथक मेहनत से न केवल अपना बल्कि पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है।

https://twitter.com/Pvsindhu1?ref_src=twsrc%5Etfw

ये कहा श्रीकांत ने
वहीं जवाब में श्रीकांत ने कोच पुलेला गोपीचंद के साथ अपना बचपन का फोटो ट्वीट किया जब उन्होंने अकादमी ज्वाइन की थी। श्रीकांत ने लिखा ” वैसे तो मैंने अकादमी 16 साल की उम्र में ज्वाइन की थी। एक बच्चे के रूप में ये पल में कभी नहीं भूल सकता। अब में अपने ट्रेनिंग पार्टनर प्रोणोय को अपने बचपन की फोटो शेयर करने कहता हूँ। श्रीकांत ने पिछले 18 महीनो में शानदार प्रदर्शन किया है। 2016 साउथ एशियाई गेम्स में मेंस सिंगल और मेंस टीम में दो गोल्ड मैडल जीते है। इसके अलावा रिओ ओलिंपिक में श्रीकांत क्वाटरफाइनल तक पहुंचे थे। हालही में श्रीकांत ने फ्रैंच ओपन और डेनमार्क ओपन जीता है। इससे पहले उन्होंने इंडोनेशिया ओपन भी जीता था। डेनमार्क ओपन में श्रीकांत ने अपने से कहीं ज्यादा अनुभवी कोरियाई खिलाड़ी ली ह्युंन इल को हराया था। सिंधु और श्रीकांत दोनों का मानना है की उनकी जीत और जीवन में सफलता का पूरा श्रेय कोच गोपीचंद को जाता है। दोनों का कहना है के गोपीचंद के मार्गदर्शन और मेहनत का ही ये नतीजा है। श्रीकांत कहते है अपने कोच के बिना में अपने खेल की कल्पना भी नहीं कर सकता।

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