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उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 3 अगस्त को एकेएफआई के चुनावों को अवैध करार दिया था और इसके साथ ही एकेएफआई के आजीवन अध्यक्ष जनार्दन सिंह गहलोत और एकेएफआई की अध्यक्ष मृदुल भदोरिया को उनके पदों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया था। इसके साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने नए सिरे से एकेएफआई चुनाव कराने के आदेश दिए और तब तक इसका कामकाज देखने के लिए पूर्व आईएएस अधिकारी सनत कौल को प्रशासक नियुक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 3 अगस्त को एकेएफआई के चुनावों को अवैध करार दिया था और इसके साथ ही एकेएफआई के आजीवन अध्यक्ष जनार्दन सिंह गहलोत और एकेएफआई की अध्यक्ष मृदुल भदोरिया को उनके पदों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया था। इसके साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने नए सिरे से एकेएफआई चुनाव कराने के आदेश दिए और तब तक इसका कामकाज देखने के लिए पूर्व आईएएस अधिकारी सनत कौल को प्रशासक नियुक्त किया है।
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न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की एक खंडपीठ एकेएफआई के आजीवन अध्यक्ष जनार्दन सिंह गहलोत और एकेएफआई की अध्यक्ष मृदुल भदोरिया के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया था।सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि गहलोत का परिवार अपने पदों को बनाए रखना चाहता है, जिसके कारण इन पदों का दुरुपयोग हो रहा है और ऐसे में न्यायालय ने गहलोत व उनकी पत्नी की इन पदों पर रहने की अवधि को समाप्त कर दिया है।
न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की एक खंडपीठ एकेएफआई के आजीवन अध्यक्ष जनार्दन सिंह गहलोत और एकेएफआई की अध्यक्ष मृदुल भदोरिया के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया था।सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि गहलोत का परिवार अपने पदों को बनाए रखना चाहता है, जिसके कारण इन पदों का दुरुपयोग हो रहा है और ऐसे में न्यायालय ने गहलोत व उनकी पत्नी की इन पदों पर रहने की अवधि को समाप्त कर दिया है।