पिता को दिखाना चाहते थे पदक-
जकार्ता में स्वर्ण पदक जीतने वाले तूर अपने बीमार पिता को गोल्ड मेडल दिखाना चाहते थे। लेकिन वो पदक लेकर हॉस्पिटल पहुंचते इससे पहले ही उनके पिता का निधन हो गया। बताते चले कि तेजिंदर के पिता पिछले दो साल से कैंसर से जूझ रहे थे। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक तूर जकार्ता से लौटने के बाद सीधे अपने शहर मोंगा के लिए रवाना हुए। तूर अपने पिता से कुछ किलोमीटर ही दूर थे, तभी उनके पिता करम सिंह की मौत हो गई।
पदक जीतने के बाद किया था पिता का जिक्र-
एशियन गेम्स में पदक जीतने के बाद तेजिंदर ने कहा कि यह पदक मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है क्योंकि मैंने बहुत सारे त्याग किए हैं। पिछले दो साल से मेरे पिता कैंसर से लड़ रहे हैं। इसके बावजूद मेरे परिवार ने मेरा ध्यान कभी भटकने नहीं दिया। उन्होंने मेरे सपने को पूरा होने में मेरा साथ दिया। मेरे परिवार और दोस्तों ने बहुत त्याग किया और उसका नतीजा आज देखने को मिला।
जीवन भर रहेगा ये मलाल-
निसंदेह: तूर आज भारत के नायक हैं। लेकिन उन्हें जीवन भर इस बात का मलाल रहेगा कि वो अपने बीमार पिता को अपनी सबसे बड़ी कामयाबी नहीं दिखा सके। तूर के बारे में एक बात और बताते चले कि वो पंजाब के उस जिले से ताल्लुक रखते है जो नशेबाजी के सबसे ज्यादा बदनाम है। लेकिन इसके बाद भी तूर ने भारत को बड़ी उपलब्धि दिलाई है।