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कुस्ती में धाग जमाने के लिए कबड्डी छोड़ी इस पहलवान ने

न्यूज़ीलैंड की ओलिम्पियन और ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स की कांस्य पदक विजेता टायला फोर्ड कबड्डी छोड़कर कुश्ती पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही हैं।

Dec 21, 2017 / 05:06 pm

Kuldeep

चंडीगढ़। न्यूज़ीलैंड की ओलिम्पियन और ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स की कांस्य पदक विजेता टायला फोर्ड कबड्डी छोड़कर कुश्ती पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही हैं। उनका कहना है कि प्रो रेसलिंग लीग में भाग लेना उनका सपना है और अगर उन्हें पिछली बार की चैम्पियन पंजाब टीम में खेलने का अवसर मिलता है तो फिर यह उनके जीवन की सबसे बड़ी घटना होगी। यह लीग नौ जनवरी से शुरू हो रही है जिसमें कुल छह टीमें भाग लेंगी।
वर्ल्ड कप कबड्डी में भाग लेने पंजाब आई थीं
टायला फोर्ड ने कहा कि वह पिछले साल वर्ल्ड कप कबड्डी में भाग लेने पंजाब आई थीं और उनकी टीम को उस टूर्नामेंट में भारत और अमेरिका के बाद तीसरा स्थान हासिल हुआ था। इसके बावजूद टायला को जो मान-सम्मान कुश्ती में हासिल हुआ, उसे वह कभी नहीं भूल सकतीं। उनका कहना है कि ओलिम्पिक में उन्होंने कुश्ती में अपने देश की ओर से भाग लिया, जो उनके लिए किसी सपने के सच होने की तरह था। अब प्रो रेसलिंग लीग में दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों के बीच अपने खेल को बुलंदियों पर लाना उनका बड़ा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि उन्हें पंजाब से बेहद लगाव है। यहां का खाना, पहनावा और यहां की मीठी पंजाबियत ज़ुबान उन्हें कुछ और अच्छा करने के लिए प्रेरित करती है। उनका कहना है कि कुश्ती दुनिया भर में खेली जाती है और प्रो रेसलिंग लीग में भाग लेने का अगर उन्हें मौका मिलता है तो इससे न्यूज़ीलैंड में भी इस खेल के विकास में मदद मिलेगी।
चैम्पियनशिप में दो सिल्वर मेडल जीत चुके राहुल मान
इस लीग में कॉमनवेल्थ गेम्स के सिल्वर मेडलिस्ट और अर्जुन पुरस्कार विजेता सत्यव्रत कादियान और कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में दो सिल्वर मेडल जीत चुके राहुल मान ने इस अवसर पर कहा कि पीडब्ल्यूएल ने भारत में कुश्ती को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई है। लीग के दौरान ओलिम्पिक और वर्ल्ड चैम्पियनशिप के पदक विजेताओं के साथ डग आउट में बैठना और उनके साथ प्रैक्टिस करना भारतीय पहलवानों के यादगार अनुभव रहे। उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि लीग सफलता की लगातार सीढ़ियां चढ़ते हुए दुनिया में अपना विशिष्ट स्थान बनाएगी। इस लीग में ओलिम्पिक और वर्ल्ड चैम्पियन अमेरिका की हेलन मारोलिस और ओलिम्पिक चैम्पियन जॉर्जिया के व्लादीमिर खिनचेंगशिवली सहित वर्ल्ड चैम्पियन अज़रेबेजान के हाजी अलीयेव ने सीज़न-3 के करार पर हस्ताक्षर करके अपने उपलब्ध होने की घोषणा कर दी है। साथ ही इस बार रियो ओलिम्पिक के 16 और हाल में पेरिस में हुई वर्ल्ड चैम्पियनशिप के नौ पदक विजेता लीग में टीम मालिकों के मुख्य निशाने पर होंगे। साथ ही चीन की चार महिला पहलवानों ने लीग के लिए करार पर हस्ताक्षर किये हैं।
बजरंग पूनिया और रितु फोगट ने इस साल शानदार प्रदर्शन किया है
भारतीय पहलवानों में बजरंग पूनिया और रितु फोगट ने इस साल शानदार प्रदर्शन किया है जबकि दोहरे ओलिम्पिक पदक विजेता सुशील और गीता ने मैट पर वापसी करके आगे के लिए उम्मीदें जगाई हैं। साक्षी मलिक ओलिम्पिक के बाद एशियाई चैम्पियनशिप में सिल्वर और कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने में सफल रहीं। वहीं उत्कर्ष काले और दिव्या काकरान को भारत की नई सनसनी कहा जा रहा है। विनेश ने भी ओलिम्पिक में इंजरी के बाद अंतरराष्ट्रीय कुश्तियों में अपनी वापसी को यादगार बनाया है। ये सभी पहलवान इस लीग का बड़ा आकर्षण होंगे।इस बार ओलिम्पिक पदक विजेताओं में हेलन और व्लादीमिर के बाद पुरुषों के सुपर हैवीवेट वर्ग में ईरान के कोमिल घासेमी सबसे बड़ा नाम है जिनके नाम रियो ओलिम्पिक का सिल्वर और लंदन का ब्रॉन्ज़ मेडल दर्ज है। इसी वजन में बेलारूस के सैदऊ इब्राहिम, 74 किलो में कज़ाकिस्तान के अकज़ुरेक तांतारोव और अजरबेजान के जैबरिल हसानोव, पुरुषों के 57 किलो वर्ग में ईरान के हसन रहीमी, 65 किलो में अज़रबेजान के हाजी अलीयेव और उज्बेकिस्तान के नवरूज़ोव इख्तियोर, 92 किलो में उज्बेकिस्तान के ही इब्रागिमोव मैगमद इदरिसोविच और महिलाओं में बुल्गारिया की एलित्सा यानकोवा (50 किलो), ट्यूनीशिया की मारवा आमरी (58 किलो) और मेजबान देश की साक्षी मलिक (58 किलो) अन्य ओलिम्पिक पदक विजेता पहलवान भी लीग के लिए उपलब्ध होंगे। इसी तरह वर्ल्ड चैम्पियनशिप की रजत पदक विजेता नाइजीरिया की ओडुनायो, बेलारूस की वैसलिसा मारज़ाल्यूक और मारवा आमरी पहले भी लीग में शानदार प्रदर्शन कर चुकी हैं। वही पुरुषों के 57 किलो में मंगोलिया के एरडेनबात बेखबेयार, यूक्रेन के आंद्रेई यात्सेंको और 74 किलो में बेलारुस के शबानोव अली विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीत चुके हैं।

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