वल्र्ड नम्बर-5 भारत के 19 वर्षीय दिलप्रीत सिंह उन्हीं में से एक खिलाड़ी हैं। पिछले साल मलेशिया में आयोजित हुए अंडर-21 सुल्तान जोहोर कप टूर्नामेंट में दिलप्रीत ने छह मैचों में नौ गोल दागकर अपनी क्षमता का परिचय दिया था। इस प्रदर्शन से भारत की राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह काफी प्रभावित हुए और उन्होंने दिलप्रीत को सीनियर टीम में शामिल किया। अब वह विश्व कप में सबसे युवा खिलाड़ी बनने की कगार पर हैं। दिलप्रीत का टीम में शामिल होना हरेंद्र का युवा पीढ़ी में दर्शाए गए भरोसा का उदाहरण है। इसके अलावा, इसमें वर्ल्ड नम्बर-1 आस्ट्रेलिया टीम के 20 वर्षीय जेक हार्वी का नाम भी शामिल है। तीन बार के ओलंपियन गोडरेन पियर्स के पोते हार्वी के खून में ही हॉकी दौड़ता है।
पिछले साल हुए ओडिशा हॉकी विश्व कप में आस्ट्रेलिया के डिफेंस को मजबूत करने में हार्वी ने अहम भूमिका निभाई थी और इसी के दम पर टीम ने खिताबी जीत हासिल की थी। अपने अब तक के करियर में हार्वी 39 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। आस्ट्रेलिया का लक्ष्य लगातार तीसरी बार खिताबी जीत हासिल करना है और ऐसे में हार्वी पूरी तरह से इस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। वर्ल्ड नम्बर-2 अर्जेटीना के 21 वर्षीय माइको कासेला भी किसी से कम नहीं हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 35 मैच खेल चुके कासेला अर्जेटीना की राष्ट्रीय टीम में शामिल सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं। लखनऊ में 2016 में हुए अंडर-21 जूनियर विश्व कप टूर्नामेंट में वह बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी रहे। इसी प्रदर्शन के दम पर उन्होंने राष्ट्रीय टीम में अपनी खास जगह बना ली।
नीदरलैंड्स के 20 वर्षीय खिलाड़ी जोरिट क्रून के पास इतनी कम उम्र में ओलम्पिक खेलों का अनुभव है। वह उस समय में 18 साल के थे। वर्ल्ड नम्बर-4 टीम के मुख्य कोच मैक्स काल्डास द्वारा क्रून को रियो ओलम्पिक खेलों के लिए चुने जाने के फैसले से काफी हलचल मच गई थी। कई लोगों ने इसे काल्डास के दांव के रूप में देखा, लेकिन क्रून के प्रदर्शन ने सभी अलोचकों के मुंह पर ताला लगा दिया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 56 मैच खेल चुके क्रून ने राष्ट्रीय टीम में अपनी अहम जगह बना ली है। हालांकि, अभी उनका करियर काफी लंबा है। रियो ओलम्पिक खेलों का अनुभव रखने वाले 21 वर्षीय टिम हेर्जबुर्क ने वर्ल्ड-6 जर्मनी की राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह अपने दम पर बनाई है। लखनऊ में हुए उत्तर प्रदेश जूनियर हॉकी विश्व कप में उन्हें टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के पुरस्कार से नवाजा गया था।
अपने करियर में 54 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके टिम को पिछले साल घुटने की चोट के कारण लंबे समय तक मैदान से बाहर रहना पड़ा, लेकिन अब वह वापसी कर चुके हैं और विश्व हॉकी में अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं। ओडिशा हॉकी विश्व कप में किसी भी टीम के लिए परेशानी खड़ी करने में स्पेन के 22 वर्षीय खिलाड़ी एनरीक गोंजालेज पूरी तरह से सक्षम हैं। वर्ल्ड नम्बर-8 स्पेन की राष्ट्रीय टीम में वह अपनी बेहतरीन तेजी और हॉकी स्टिक के साथ अपने शानदार कौशल के लिए जाने जाते हैं। 22 साल की उम्र में वह 73 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। इस टूर्नामेंट के छह उभरते खिलाड़ियों में शामिल एनरीक ने सबसे अधिक अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं। उन्हें भी लखनऊ में हुए जूनियर हॉकी विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के पुरस्कार से नवाजा गया था।