इस बार बदल गई है परिस्थिति-
सरकार की वैसे नीति है कि ओलम्पिक वर्ष में ही एक से ज्यादा खेल रत्न दिए जाएंगे और बाकी वर्षों में सिर्फ एक खिलाड़ी को खेल रत्न मिलेगा लेकिन इस बार राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के चलते यह स्थिति बदल सकती है। राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के अब तक के इतिहास में वर्ष 2016 में रियो ओलम्पिक के बाद सबसे अधिक चार खेल रत्न पुरस्कार दिए गए थे। तब ओलम्पिक रजत विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ,कांस्य पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक, चौथा स्थान पाने वाली जिम्नास्ट दीपा कर्माकर और निशानेबाज जीतू राय को यह पुरस्कार दिया गया था।
नीरज, विनेश और बजरंग हॉट फेवरेट-
खेल रत्न की होड़ में भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा सबसे प्रबल दावेदार हैं। नीरज एशियाई खेलों में भारतीय दल के ध्वजवाहक रहे थे और उन्होंने राष्ट्रमंडल तथा एशियाई खेलों दोनों में स्वर्ण पदक हासिल किये हैं। राष्ट्रमंडल तथा एशियाई खेलों दोनों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहलवान बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट भी खेल रत्न पुरस्कार की दौड़ में शामिल हैं। भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) में इन दोनों पहलवानों के नाम खेल रत्न के लिए भेजे हैं।
मीराबाई चानू और किंदाबी भी होड़ में-
विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू का खेल रत्न के लिए दावा मजबूत माना जा रहा है। 2017 में चार सुपर सीरीज खिताब जीतने वाले बैडमिंटन स्टार किदाम्बी श्रीकांत भी खेल रत्न की होड़ में शामिल हैं। विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले डबल ट्रैप निशानेबाज अंकुर मित्तल भी खेल रत्न के दावेदारों में शामिल हैं। अंकुर का नाम निशानेबाजी फेडरेशन ने भेजा है। अंकुर ने तीन वर्ल्ड कप में पदक जीतकर इतिहास रचा है। इसके अलावा राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य और विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण उनके नाम है। खेल रत्न के लिए लगभग 15 नाम होड़ में हैं और समिति तथा मंत्रालय के लिए चयन वास्तव में किसी कशमकश से कम नहीं होगा।