अमरीका ने तीरंदाजी टीम को वीजा देने से किया इनकार
Published: Jun 05, 2015 11:41:00 pm
विश्व युवा तीरंदाजी चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने के लिए अमरीका जा रही भारतीय टीम की परेशानी बढ़ गई है
नई दिल्ली। विश्व युवा तीरंदाजी चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने के लिए अमरीका जा रही भारतीय टीम की परेशानी बढ़ गई है। अमरीका ने टीम के 31 में से 20 सदस्यों को वीजा देने से इनकार कर दिया है। भारतीय युवा तीरंदाजी टीम को विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने के अमरीका के साउथ डकोटा के लिए गुरूवार शाम को रवाना होेना था, लेकिन टीम के कोरियाई कोच चेए वोम लिम समेत 20 सदस्यों को अमरीकी दूतावास ने वीजा देने से इनकार कर दिया। नई दिल्ली स्थित अमरीकी दूतावास ने सात तीरंदाजों, दो कोच और भारतीय खेल प्राधिकरण के एक अधिकारी को ही वीजा दिया है। दूतावास के इस फैसले के बाद भारतीय टीम का चैम्पियनशिप में भाग लेना खटाई में पड़ता नजर आ रहा है जो 8 से 14 जून तक साउथ डकोटा के यंकटोन में आयोजित होनी है।
कोरियाई कोच लिम के अलावा, तीन भारतीय कोच मिम बहादुर गुरूंग, चंद्र शेखर लागुडी, राम अवधेश और मैसेंजर पिंकी को भी वीजा नहीं दिया गया है। भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) ने इसके खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए अमरीकी दूतावास के इस फैसले को चौंकाने वाला बताया है। एएआई के कोषाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “यह सचमुच चौंकाने वाली खबर है। दूतावास ने सभी 20 सदस्यों को वीजा देने से इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि वीजा अधिकारी उनके साक्षात्कार से संतुष्ट नहीं हुआ। ज्यादातर तीरंदाज असम, झारखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से हैं और उनकी अंग्रेजी भाषा इतनी अच्छी नहीं है।”
सचदेवा ने बताया कि जब वीजा अधिकारी ने टीम के सदस्यों से साक्षात्कार में पूछा कि वे जीवनयापन के लिए क्या करते हैं तो उन्होंने सीधे शब्दों में यही कहा कि वे सभी तीरंदाज हैं और खेलते हैं। इसी के बाद वीजा अधिकारी के मन में सवाल खड़े हो गए और कई सदस्यों को वीजा देने से इंकार कर दिया गया। हालांकि मैं नहीं जानता कि लिम को वीजा क्यों नहीं दिया गया क्योंकि वह तीरंदाजी में विश्व स्तर पर अपनी पहचान रखते हैं।”
एएआई के कोषाध्यक्ष ने बताया कि भारत सरकार की ओर से टीम को स्वीकृति आदेश जारी किये गए थे। इसके अलावा अमेरिकी तीरंदाजी संघ ने भी भारतीय दल को निमंत्रण पत्र भेजा था लेकिन इसके बावजूद अमरीका ने टीम के 31 में से 20 सदस्यों को वीजा देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे खेल मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के पास इस मुद्दे को पहुंचाएंगे और इसमें हस्तक्षेप की अपील करेंगे।