scriptतो अब तक संन्यास ले लेते ओलंपियन सुशील | Was asked to take retirement after winning bronze at Beijing Olympics : Sushil | Patrika News

तो अब तक संन्यास ले लेते ओलंपियन सुशील

Published: Jun 26, 2016 08:28:00 pm

सुशील ने कहा कि जब मैं बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर आया तो सभी ने
मुझसे कहा कि ओलंपिक मेडल आखिरी गोल होता है, वो तुमने पा लिया है

Sushil Kumar

Sushil Kumar


नई दिल्ली। भारत के लिए ओलंपिक में दो बार मेडल जीतने वाले देश के अकेले खिलाड़ी ओलंपियन रेसलर सुशील कुमार रियो ओलंपिक नहीं जा रहे हैं। सुशील ने बीजिंग और लंदन ओलंपिक में मेडल जीते, लेकिन सुशील को सभी बीजिंग ओलंपिक के बाद संन्यास की सलाह दे रहे थे। इस बात का खुलासा सुशील ने अपनी किताब “माई ओलंपिक जर्नी” में किया है। इस किताब को लेकर सुशील ने एक प्रेस काॅन्फ्रेंस के दौरान बातचीत की।

सुशील ने कहा कि जब मैं बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर आया तो सभी ने मुझसे कहा कि ओलंपिक मेडल आखिरी गोल होता है, वो तुमने पा लिया है। अब तुम्हें संन्यास ले लेना चाहिए। सुशील ने कहा कि मैंने तब सोचा कि ये अंत नहीं है ये तो शुरुआत है। आखिरकार मैंने खेल को जारी रखने का फैसला किया। सुशील ने कहा कि मैंने अपनी ट्रेनिंग और टेक्निक पर और भी ज्यादा मेहनत की। नतीजतन मैं लंदन ओलंपिक में अपने मेडल का रंग बदलने में कामयाब रहा।

सुशील ने कहा कि मैं फाइनल में अपना 100 प्रतिशत नहीं दे पाया था। मुझे यकीन था कि मैं सोना जीतूंगा, लेकिन ये मुमकिन नहीं हो पाया। सुशील ने कहा कि जब मैंने बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता तो मुझे अंदाजा नहीं था कि मैंने 52 साल पुराने मिथ को तोड़ दिया है। क्योंकि उससे पहले सिर्फ केडी जाधव ही ऐसा 1952 में कर पाए थे। मुझे मेडल की कीमत का अंदाजा नहीं था, ये तो तब पता चला जब मैं अपने देश वापिस लौटा। उन्होंने कहा कि मैं लंदन ओलंपिक में सोना नहीं जीत पाने से मायूस था, लेकिन पोडियम पर दोबारा चढ़ना मेरे लिए स्वर्णिम पल था।
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