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CWG 2018: मां-बाप ने गोल्ड मेडलिस्ट बेटे की शादी कराने की इच्छा जताई

गोल्ड कोस्ट कामनवेल्थ खेलों में भारत ने वेटलिफ्टर सतीश के गोल्ड की बदौलत जीता पांचवां मेडल।

नई दिल्लीApr 07, 2018 / 03:12 pm

Akashdeep Singh

नई दिल्ली। गोल्ड कोस्ट में चल रहे 21वें कामनवेल्थ खेलों के तीसरे दिन वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी सतीश कुमार शिवालिंगम ने भारत की झोली में एक और गोल्ड मेडल डाल दिया है। सतीश ने वेटलिफ्टिंग के पुरुषों के 77 किलोग्राम भारवर्ग में भारत को सोने का तमगा दिलाया। भारत का यह इन खेलों में तीसरा गोल्ड है और कुल पांचवां मेडल है। यह सभी पदक वेटलिफ्टिंग में ही आए हैं। इससे पहले मीराबाई चानू और संजीता चानू ने भारत को पहले और दूसरे दिन गोल्ड मेडल दिलाया। भारत का खेलों में पहला मेडल गुरुजारा पुजारी के सिल्वर के रूप में वेटलिफ्टिंग के ही खेल में आया था। वहीं वेटलिफ्टर दीपक लाठेर भारत को एक ब्रॉन्ज मेडल दिला चुकें हैं।

 

बेटे की उपलब्धि से खुश माता-पिता उसकी शादी करना चाहते हैं
भारोत्तोलक सतीश शिवालिंगम के माता-पिता इस बात से बेहद गौरवांन्वित हैं और अब वे अपने बेटे की शादी कराना चाहते हैं। न्यूज एजेंसी से फोन पर हुई बातचीत में सतीश की मां देवानाई और पिता एन. शिवालिंगम ने अपनी इस इच्छा को जाहिर किया।सतीश के माता-पिता ने यह भी कहा कि उनका बेटा केवल एक बार बिना पदक के घर लौटा था और इसके बाद वह हमेशा पदक के साथ ही घर लौटा।


भारत को गोल्ड, इंग्लैंड को सिल्वर और ऑस्ट्रेलिया को ब्रॉन्ज
सतीश ने स्नैच में 144 का सर्वश्रेष्ठ भार उठाया तो वहीं क्लीन एंड जर्क में 173 का सर्वश्रेष्ठ भार उठाया। कुल मिलाकर उनका स्कोर 317 रहा। उन्हें क्लीन एंड जर्क में तीसरे प्रयास की जरूरत नहीं पड़ी। स्पर्धा का रजत इंग्लैंड के जैक ओलिवर के नाम रहा जिन्होंने 312 का कुल स्कोर किया। आस्ट्रेलिया के फ्रांकोइस इटुउंडी ने 305 के कुल स्कोर के साथ कांस्य पदक पर कब्जा जमाया।


क्लीन एंड जर्क में लम्बी बढ़त के साथ सतीश ने जीता गोल्ड
सतीश ने पहले स्नैच में 136 और 140 किलोग्राम का भार उठाया। उनके प्रतिद्वंदी ओलिवर ने 141 और 145 किलोग्राम के भार उठा पहले दो प्रयासो में बढ़त बना ली, लेकिन सतीश ने तीसरे प्रयास में 144 किलोग्राम का वजन उठाकर ओलिवर के बाद स्नैच में दूसरा स्थान ले लिया। क्लीन एंड जर्क में सतीश ने पहले ही प्रयास में 169 किलोग्राम का वजन उठाया जो कि ओलिवर के 167 किलोग्राम के पहले एटेम्पट से 2 किलो ज्यादा था। फिर सतीश अगले प्रयास में 173 उठाने गए और उन्होंने वजन आसानी से उठा लिया।ओलिवर अपने 171 किलोग्राम के प्रयास में असफल रहे।


पिछले कामनवेल्थ में भी गोल्ड जीत चुकें हैं सतीश
सतीश शिवलिंगम जो कि तमिल नाडु के वेल्लोर जिले के निवासी हैं, वो ग्लासगो में हुए पिछले कामनवेल्थ खेलों में भी भारत को गोल्ड मेडल दिला चुकें हैं। उनका ग्लासगो खेलों में स्नैच में उठाया हुआ 149 किलोग्राम का भार अभी भी कामनवेल्थ खेलों का रिकॉर्ड है। सतीश का वेटलिफ्टिंग करियर 15 साल की उम्र में शुरू हुआ था। उनके पिता भी राष्ट्रीय स्तर के वेटलिफ्टर थे और उन्होंने ही सतीश को इस खेल को चुनने के लिए प्रोत्साहित किया। सतीश रिओ ओलंपिक्स में 11वें स्थान पर रहे थे और अब वो अगले ओलंपिक्स में अपने अभी के शानदार प्रदर्शन को बेहतर करते हुए भारत के लिए एक पदक जरूर जीतना चाहेंगे। अगले ओलिंपिक खेलों का आयोजन 2020 में जापान की राजधानी टोक्यो में होना है।

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