खेल दिवस: जब 6 गोल खाने के बाद जर्मनी उतर आया था चीटिंग पर, मेजर ध्यानचंद ने सिखाया था सबक
मेजर ध्यानचंद की आज 114वीं जयंती है। 29 अगस्त 1905 में जन्मे मेजर ध्यानचंद का निधन साल 1975 में हुआ था।

नई दिल्ली। राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को याद किया जाता है। भारतीय हॉकी ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता था। 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद की 114वीं जयंती के मौके पर देश राष्ट्रीय खेल दिवस भी मना रहा है। इस दिन हर साल खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न के अलावा अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार दिए जाते हैं।
ध्यानचंद ने लगातार तीन ओलंपिक में जीते थे गोल्ड मेडल
मेजर ध्यानचंद की जयंती के मौके पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा बता रहे हैं। वैसे तो ध्यानचंद हॉकी के मामले में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने लगातार तीन ओलंपिक (1928 एम्सटर्डम, 1932 लॉस एंजेलिस और 1936 बर्लिन) में गोल्ड मेडल जीतकर दुनिया को अपना परिचय कराया था।
हिटलर ने दिया था जर्मनी से खेलने का ऑफर
ध्यानचंद के खेल से प्रभावित होकर जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने उन्हें हिंदुस्तान छोड़ने का ऑफर दिया था। हिटलर ने ध्यानचंद को जर्मनी से खेलने का ऑफर दिया था, लेकिन ध्यानचंद ने भी दो टूक में कह दिया कि वो हिंदुस्तान में बहुत खुश हैं। बताया जाता है कि हिटलर ने ध्यानचंद को खाने पर बुलाकर जर्मनी सेना में कर्नल पद देने का लालच भी दिया था, लेकिन इसके बदले में ध्यानचंद ने कहा, 'हिंदुस्तान मेरा वतन है और मैं वहां खुश हूं।'
जर्मनी के खिलाफ ध्यानचंद हुए थे चोटिल
आपको बता दें कि 1936 के बर्लिन ओलंपिक में भारत और जर्मनी के मैच के दौरान मेजर ध्यानचंद का एक दांत टूट गया था, जिसमे बाद उन्होंने वापसी करते हुए अपने ही अंदाज में मैच को जिताया। दरअसल, ध्यानचंद के चोटिल होने से पहले ही भारत ने 6 गोल कर दिए थे। बाद में ध्यानचंद ने गेंद को इधर-उधर घुमाते हुए सिर्फ टाइम पास किया।
Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें (Hindi News App) Get all latest Other Sports News in Hindi from Politics, Crime, Entertainment, Sports, Technology, Education, Health, Astrology and more News in Hindi