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स्वर्ण जीतने के बाद बोलीं सायना, ओलिंपिक के कांस्य पदक के पास रखेंगी अपना ये पदक

भारत की दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल का कहना है कि वह इस पदक को अपने लंदन ओलिंपिक के कांस्य पदक के पास रखेंगी।

Apr 16, 2018 / 03:18 pm

Siddharth Rai

नई दिल्ली। अपनी हमवतन और रियो ओलिंपिक की रजत पदक विजेता पी.वी. सिंधु को मात देकर 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में महिला एकल वर्ग का स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल का कहना है कि वह इस पदक को अपने लंदन ओलिंपिक के कांस्य पदक के पास रखेंगी। वेबसाइट ‘ईएसपीएन डॉट कॉम’ की रिपोर्ट के अनुसार, सायना ने कहा कि यह पदक उनके लिए काफी खास है। इसीलिए, वह इसे खास जगह ही रखेंगी।

फाइनल में सिंधु को हराया
फाइनल मुकाबले में 56 मिनट तक चले इस मैच में वर्ल्ड नंबर -12 सायना ने स्वर्ण पदक के लिए खेले गए मुकाबले में उलटफेर करते हुए वर्ल्ड नंबर -3 सिंधु को सीधे गेमों में 21-18, 23-21 से मात देकर जीत हासिल की। सायना का यह राष्ट्रमंडल खेलों का दूसरा स्वर्ण पदक है। इससे पहले उन्होंने 2010 में राजधानी दिल्ली में हुए 19वें राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था।

हारने पर मेरे ऊपर 100 सवाल खड़े हो जाते हैं
सायना ने कहा, “भारत में अगर मैं हारती हूं, तो 100 सवाल खड़े हो जाते हैं। सायना हार गई। उसे संन्यास ले लेना चाहिए। इस पदक की इसलिए, मेरे लिए काफी खास अहमियत है। मैं इसे ओलम्पिक खेलों के कांस्य पदक के पास रखूंगी। रियो डी जनेरियो में चोटिल होने के कारण यह जीत मेरे लिए भावुकता से भरी हुई थी।”

खिलाड़ियों के प्रदर्शन से खुश हैं गुरु गोपी
वहीं भारतीय बैडमिंटन टीम के प्रमुख कोच पुलेला गोपीचंद ने राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर संतुष्टि जाहिर की और कहा कि वह गोल्ड कोस्ट में अपने खिलाड़ियों के खेल से खुश हैं। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने इस बार कुल खिलाड़ी 10 (5 महिला और 5 पुरुष) उतारे थे। भारत ने बैडमिंटन में कुल छह पदक जीते। भारत के लिए सायना नेहवाल ने महिला एकल में स्वर्ण जीता जबकि मिश्रित टीम स्पर्धा में भी भारत को एक स्वर्ण प्राप्त हुआ। इसके अलावा भारत को तीन रजत भी मिले।

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