पहले सेट का हाल-
कैरोलिना मारिन के खिलाफ इस मुकाबले में सिंधु बिल्कुल ही धारहीन दिखी। मारिन के तेज सर्विस से सामने सिंधु पूरे मुकाबले के दौरान थकी-थकी सी दिख रही थी। पहले सेट में बढ़त बनाने के बाद सिंधु को मारिन ने पछाड़ दिया। हालांकि पिछड़ने के बाद भी सिंधु ने पहले सेट में कड़ी टक्कर देते हुए मुकाबले में खुद को बनाए रखा। लेकिन अंतत: मारिन पहला सेट 21-19 के अंतर से जीतने में सफल रही।
दूसरे सेट में और फीकी रही सिंधु-
पहला सेट गंवाने के बाद सिंधु दूसरे सेट में और फीकी दिखी। मारिन ने दूसरे सेट की शुरुआत से ही बढ़त बना ली थी। जिसे अंत तक कायम रखते हुए मारिन ने स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। वर्ल्ड नम्बर-8 मारिन ने सिंधु को 45 मिनटों तक खेले इस खिताबी मुकाबले में सीधे गेमों में 21-19, 21-10 से मात दी। इस हार के कारण सिंधु को एक बार फिर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। उनका यह दूसरा रजत है। वह दो बार कांस्य पदक भी जीत चुकी हैं।
इतिहास रचने का मौका गंवाया-
मारिन से मिली हार के साथ ही सिंधु ने इतिहास रचने का बड़ा अवसर गंवा दिया। बता दें कि इस टूर्नामेंट में भारत का कोई भी शटलर अबतक स्वर्ण पदक जीतने में सफल नहीं हो सका था। इस टूर्नामेंट के फाइनल में लगातार दूसरी बार पहुंची पी.वी. सिंधु के पास आज का मुकाबला जीत कर इतिहास रचने का बड़ा मौका था। जिसे वो गंवा चुकी है।
मारिन ने बनाई बढ़त-
सिंधु और मारिन के बीच यह 12वां मैच था। इस मैच में जीत के साथ ही मारिन ने सिंधु को सातवीं बार हराने में कामयाबी हासिल की। बताते चले कि पिछले साल इस चैम्पियनशिप के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा ने सिंधु को मात दी थी।