पेरिस में वित्तीय कार्यवाही कार्य बल (एफएटीएफ) की बैठक से कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने राष्ट्रपति के एक अध्यादेश के जरिए आतंकवाद निरोधक कानून में संशोधन किया। ताकि संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध सभी लोगों और समूहों को प्रतिबंधित संगठनों और व्यक्तियों की राष्ट्रीय सूची में शामिल किया जा सके। इस बात को लेकर जेयूडी प्रमुख सख्त नाराज है। हाल ही में पेरिस में हुई वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की बैठक में टेरर फंडिंग के मामले में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला गया था। आपको बता दें कि इससे पहले एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंक का दाग धोने के लिए तीन महीने का समय दिया था। सईद का कहना है कि राष्ट्रपति अध्यादेश जारी करके जमात-उद-दावा के देशभक्ति कार्यों को अयोग्य ठहरा दिया गया है क्योंकि अमेरिका और बहुत सी दूसरी बाहरी ताकतें हमारे द्वारा शैक्षणिक संस्थानों, एंबुलेंस और अस्पताल के जरिए पाकिस्तान में किए जा रहे स्वयंसेवी काम से खुश नहीं हैं। हमने देश को अमेरिका के खिलाफ एकजुट किया है।
अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस साल के शुरू में पाकिस्तान को दी जाने वाली 1625 करोड़ रुपए की सैन्य सहायता पर रोक लगाने की घोषणा की थी। अमरीका लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक आतंकी सरगना हाफिज सईद पर पाकिस्तान के कार्रवाई नहीं करने से खफा है। भारत और अमेरिका सईद को मुंबई हमले का मास्टरमाइंड मानता हैं। लिहाजा सईद को वैश्विक आतंकी घोषित किया गया है और उस पर एक करोड़ रुपए का इनाम भी रखा गया है। सईद के सिर पर पहले से ही करीब 65 करोड़ रुपए का ईनाम है। सईद ने कहा कि यदि पाकिस्तान अमेरिका की मांगों के आगे ऐसे ही झुकता रहा तो वह दिन दूर नहीं है जब ऐसी ताकतें हमें हमारे परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने के लिए कहेंगी।