साल 2013 के आम चुनाव में जहां देश में पंजीकृत अल्पसंख्यक वोटर्स की संख्या 27 लाख 70 हजार थी, वहीं इस बार यह बढ़कर 36 लाख 30 हजार हो गई है। इनमें से 17 लाख 70 हजार हिंदू मतदाता हैं जिनकी संख्या में 3 लाख 70 हजार की बढ़ोतरी हुई है। इस अवधि में अल्पसंख्यक समुदाय में गैर-हिंदू वोटरों की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई। इसका मतलब यह भी कि पाक में किसी भी सरकार का भविष्य हिंदु मतदाताओं के हाथ में होने वाला है।
पाकिस्तान चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक अल्पसंख्यक वोटरों में संख्याबल के लिहाज से हिंदुओं के बाद दूसरे नंबर पर ईसाई वोटर हैं। इस स्टडी के मुताबिक ईसाई वोटरों की संख्या 16.4 लाख है। इस लिहाज से पिछले पांच वर्षों में गैर-मुस्लिम वोटरों में सबसे अधिक बढ़ोतरी ईसाई समुदाय में हुई। इसके साथ ही पारसी वोटरों की संख्या में भी इजाफा दर्ज किया गया।
आपको बता दें कि वर्तमान पाक सरकार का कार्यकाल 31 मई को पूरा होगा। कार्यवाहक सरकार एक जून से और नई सरकार के गठन तक कामकाज संभालेगी। अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम को लेकर सत्तारूढ़ पीएमएल- एन और विपक्ष के बीच बने गतिरोध के बीच राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होंगे। प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और विपक्ष के नेता खुर्शीद शाह के बीच कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है।
पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने 21 मई को राष्ट्रपति को भेजे पत्र में नेशनल असेंबली और चार प्रांतीय असेंबली के लिए 25 जुलाई से 27 जुलाई के बीच चुनाव करवाने का प्रस्ताव दिया था। राष्ट्रपति कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने आम चुनाव और प्रांतीय चुनाव के लिए 25 जुलाई की तारीख को मंजूरी दे दी है। आम चुनाव में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सत्तारूढ़ दल की मुख्य प्रतिद्वंद्वी होगी।