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पाकिस्तान कोर्ट ने PTI नेता को किया बरी, PPP नेता की जमानत याचिका खारिज

locationनई दिल्लीPublished: Jun 26, 2019 08:25:30 am

Submitted by:

Anil Kumar

Pakistan की NAB कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में PTI नेता बाबर अवान को बरी कर दिया
PPP के नेता राजा परवेज अशरफ ( Raja Pervez Ashraf ) की जमानत याचिका खारिज

Raja Pervez Ashraf and Babar Awan

पाकिस्तान कोर्ट ने PTI नेता को किया बरी, PPP नेता की जमानत याचिका खारिज

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक कोर्ट ने मंगलवार को एक ऐसा फैसला दिया जिसको लेकर राजनीति गरमा गई है। दरअसल, पाकिस्तान की एक जवाबदेही कोर्ट ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ( PTI ) के एक नेता को बरी कर दिया, वहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ( PPP ) के नेता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। इस फैसले के बाद पाकिस्तान में सियासत शुरू हो गई है।

बता दें कि पीटीआई के नेता बाबर अवान ( Babar Awan ) को कोर्ट ने बरी करने का आदेश दिया, वहीं पूर्व प्रधानमंत्री और पीपीपी के नेता राजा परवेज अशरफ ( Raja Pervez Ashraf ) को भ्रष्टाचार मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया।

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एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ( National Accountability Bureau ) ने कुल सात आरोपियों को नामित किया था। इसमें से पांच ने नंदीपुर पावर प्लांट परियोजना के निष्पादन में देरी से संबंधित मामले में जमानत याचिका दायर की थी।

नंदीपुर पावर प्लांट परियोजना के निष्पादन में देरी के कारण राष्ट्रीय खजाने को 27 अरब रुपये का नुकसान हुआ था। सभी आरोपियों ने कोर्ट से दोषी नहीं दिए जाने का अनुरोध किया था।

अलग-अलग फैसले पर छिड़ी सियासत

बता दें कि एक ही जैसे मामले में कोर्ट की ओर से दो तरीके के फैसला सुनाए जाने के लेकर पाकिस्तान में सियासत शुरू हो गई है। विपक्ष का आरोप है कि सत्ता पक्ष दबाव बनाकर विपक्षी नेताओं को निशाना बना रहा है।

61 वर्षीय अवान ने अप्रैल में जमानत के लिए कोर्ट में अपील दायर की थी। एक महीने बाद उसने अपने अपील को वापस ले लिया था। अवान प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी के कार्यकाल में बतौर कानून और न्याय मंत्री के तौर पर काम किया। उसके बाद 2017 में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ में शामिल हो गए। इससे पहले वे दो दशक तक PPP में रहे थे।

68 वर्षीय अशरफ जो कि पीपीपी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं, जून 2012 में गिलानी को अदालती आरोपों के कारण अयोग्य घोषित किए जाने के बाद प्रधान मंत्री बने थे।

NAB

नंदीपुर परियोजना

आर्थिक समन्वय समिति ने 27 दिसंबर 2007 को 329 मिलियन अमरीकी डालर की लागत से नंदीपुर परियोजना को मंजूरी दी गई थी। परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद, नॉर्दर्न पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड ( Power Generation Company Limited ) और चीन के डोंग फांग इलेक्ट्रिक कॉर्पोरेशन के बीच 28 जनवरी 2008 को एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।

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परियोजना के वित्तपोषण के लिए 68.967 मिलियन के लिए कॉफ़ेस और 150.151 मिलियन अमरीकी डॉलर के लिए सिनोज़ेन स्थापित किया गया।

जुलाई 2009 में समझौते के कार्यक्रम के अनुसार, जल और ऊर्जा मंत्रालय ने कानून मंत्रालय से इस परियोजना पर कानूनी राय मांगी, लेकिन आरोपी ने इसे प्रदान करने से बार-बार मना कर दिया। मंत्रालय भी इस मुद्दे को हल करने के लिए कोई ठोस कदम उठाने में विफल रहा और मामला लंबित रहा।

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