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पाकिस्तान: नवाज शरीफ को बड़ा झटका, न PM रहे और न ही पार्टी अध्यक्ष

Published: Mar 04, 2018 04:22:29 pm

Submitted by:

Mohit sharma

शरीफ को 28 जुलाई को पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में नेशनल असेंबली के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया था।

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नई दिल्ली। पनामा लीक्स मामले में फंसे पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पार्टी नेतृत्व पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। पाक मीडियो के अनुसार बीते दिनों पाक सर्वोच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए नवाज शरीफ के विरोध में अपना फैसला सुनाया। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि नवाज शरीफ मुस्लिम लीग (नून) के अध्यक्ष पद के लिए अयोग्य हैं।

पीएम पद के ठहराया था अयोग्य

बता दें कि पाकिस्तान में सर्वोच्च अदालत ने पिछले साल नवाज शरीफ को पनामा लीक्स मामले का दोषी ठहराया था। जिसके बाद उनको पीएम पद के लिए अयोग्य ठहराया गया था। इसको लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नवाज शरीफ ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। जबकि वह पार्टी प्रमुख की जिम्मेदारी संभालते आ रहे थे। दरअसल, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पीएमएल-एन का नेतृत्व करने से रोकने वाली याचिका दायर की गई थी। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आमिर फारूक ने याचिका स्वीकार करने के बाद शरीफ, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के सचिव, पाकिस्तान के एटॉर्नी जनरल और अन्य को नोटिस जारी किए थे। चुनाव सुधार अधिनियम (ईआरए) 2017 को चुनौती देने वाले इसी याचिकाकर्ता ने हाल ही में दायर याचिका के माध्यम से कहा गया था कि अयोग्य करार दिए गए व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल का नेतृत्व करने की अनुमति देना संविधान की भावना के खिलाफ है।

दायर की गई याचिका

याचिका में कहा गया गया था कि शरीफ को 28 जुलाई को पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में नेशनल असेंबली के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया था। याचिकाकर्ता ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के अध्यादेश (पीपीओ) 2002 के अनुच्छेद 5 के अनुसार, एक अयोग्य व्यक्ति किसी भी राजनीतिक दल की किसी भी बैठक की अध्यक्षता नहीं कर सकता। याचिका में बताया गया कि एक अयोग्य व्यक्ति ना तो किसी पार्टी का अध्यक्ष बन सकता है और ना ही किसी राजनीतिक दल का नेतृत्व कर सकता है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि ईआरए 2017 संविधान की मौलिक भावना के खिलाफ है क्योंकि इस्लामी आदेश के खिलाफ कोई कानून पारित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा एक अयोग्य व्यक्ति को पार्टी का नेतृत्व करने की अनुमति देने वाला यह ईआरए कुरान और सुन्नत का भी उल्लंघन करता है। याचिकाकर्ता ने कहा कि कानून किसी एक व्यक्ति के बजाए सभी लोगों की वैध जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाना चाहिए।

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