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Pakistan: इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर निर्माण पर रोक के बाद अब राम मंदिर में पूजा पर लगा प्रतिबंध

locationनई दिल्लीPublished: Jul 11, 2020 06:33:08 pm

Submitted by:

Anil Kumar

HIGHLIGHTS

इस्लामाबाद ( Islamabad ) के सैदपुर गांव स्थित एक राम मंदिर ( Ram Temple ) में हिंदू श्रद्धालुओं के पूजा-अर्चना ( Worship and all ) करने पर रोक लगा दी गई है।
पिछले सप्ताह इस्लामाबाद में बनने वाले श्रीकृष्ण मंदिर ( Shrikrishna Temple ) के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई थी।
20 हजार वर्ग फुट पर बनने वाले कृष्ण मंदिर के लिए इमरान सरकार ( Imran Khan Government ) की ओर से 10 करोड़ रुपये दिए जाने की बात कही गई थी।

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Pakistan: After banning construction of Krishna temple in Islamabad, now ban on worship in Ram temple

इस्लामाबाद। पाकिस्तान ( Pakistan ) में लगातार हिन्दुओं ( Hindu In Pakistan ) और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ बर्बरता की जा रही है और अब उनके धार्मिक स्वतंत्रता ( Religious freedom ) को भी छिना जा रहा है। पाकिस्तान के इस्लामाबाद में बनने वाले पहले हिन्दू मंदिर ( Hindu Temple In Islamabad ) को लेकर शुरू हुआ बवाल अब राम मंदिर तक पहुंच गया है।

दरअसल, पिछले सप्ताह इस्लामाबाद में बनने वाले श्रीकृष्ण मंदिर ( Shrikrishna Temple ) के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई थी। उसके बाद अब इस्लामाबाद के सैदपुर गांव स्थित एक राम मंदिर ( Ram Temple ) में हिंदू श्रद्धालुओं के पूजा-अर्चना करने पर रोक लगा दी गई है।

Pakistan: मजहबी गुटों ने इस्लामाबाद में बनने वाले पहले कृष्ण मंदिर की नींव को ढहाया

सरकार और प्रशासन की ओर से इस बाबत को कारण नहीं बताया गया है कि राम मंदिर में हिन्दू श्रद्धालु पूजा-अर्चना क्यों नहीं कर सकते हैं? यह राम मंदिर 16वीं सदी का है। एतिहासिक और प्राचीन होने के कारण या स्थान हिंदू श्रद्धालुओं का पर्यटन स्थल रहा है।

ऐसे में अब एक के बाद एक हिन्दू व अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को पूजा अर्चना करने से रोकना ये जाहिर करता है कि पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता ( Religious Space Shrinking in Pakistan ) का स्पेस खत्म हो गया है।

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पाकिस्तान में मंदिरों का पतन

आपको बता दें कि बीते जून को पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ( Imran Khan Government ) ने राजधानी इस्लामाबाद में भव्य कृष्ण मंदिर के निर्माण को मंजूरी दी थी। इसके लिए बकायदा 20 हजार वर्ग फुट पर बनने वाले मंदिर के लिए सरकार की ओर से जमीन और 10 करोड़ रुपये भी दी गई थी। लेकिन इस्लामिक कट्टरपंथी ( Islamic Extremist ) तत्वों के आगे सरकार ने घुटने टेक दिए और मंदिर के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई।

इतना ही नहीं, इस्लामिक कट्टरपंथी तत्वों ने मंदिर के नींव का ढहा दिया और उस जगह पर पांचों वक्त नमाज अदा किया जाने लगा। यदि यह मंदिर बनता है तो इस्लामाबाद का पहला हिंदू मंदिर होगा। राजधानी में करीब 3,000 हिंदू आबादी रहती है, इसके बावजूद वहां एक भी हिंदू मंदिर नहीं है।

Pakistan: इस्लामाबाद में बनने वाले पहले कृष्ण मंदिर के खिलाफ फतवा जारी, कहा- इस्लाम इजाजत नहीं देता

कट्टरपंथियों का कहना है कि सरकारी धन से इस्लामिक जमीन पर गैर-इस्लामिक ( Non-islamic ) लोगों के लिए इबादत की जगह बनाना इस्लाम के खिलाफ है। पाकिस्तान के पंजाब विधानसभा के स्पीकर चौधरी परवेज इलाही ने कहा कि हिंंदु, सिख और इसाईयों की धर्मस्थल पर केवल मरम्मत की इजाजत दी जा सकती है। नए मंदिर, गुरुद्वारे या गिरिजा घरों के निर्माण की इजाजत देना इस्लाम की आत्मा के खिलाफ है।

मालूम हो कि ऑल पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट ( All Pakistan Hindu Rights Movement ) के एक सर्वे में ये बात निकलकर सामने आया था कि 1947 में भारत के बंटवारे के समय पाकिस्तान में 428 मंदिर थे, लेकिन चार दशक बाद यानी 1990 के दशक के बाद 428 मंदिरों में से 408 मंदिरों में खिलौने की दुकानें, रेस्टोरेंट, होटल्स, दफ्तर, सरकारी स्कूल या मदरसे खोल दिए गए। शासन-प्रशासन ने कभी भी ऐसे लोगों रोकने की कोशिश नहीं की।

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