आईआरआई सर्वे 2018 के मुताबिक 39 प्रतिशत लोग मानते हैं कि मुद्रास्फीति सबसे बड़ी चुनौती है। 18 फीसदी लोग गरीबी को तो 15 फीसदी लोग बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं लेकिन 18 से 35 उम्र के करीब 77 फीसदी युवा मानते हैं कि युवाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या रोजगार के अवसरों का बड़े पैमाने पर अभाव है। आगामी वर्षों में इमरान सरकार के लिए यही सबसे बड़ा सिरदर्द साबित होगा।
पाक सरकार के लिए राहत की बात ये है कि करीब नौ महीने के इमरान खान के कार्यकाल को सर्वे में शामिल 57 प्रतिशत लोग संयुक्त रूप से बहुत अच्छा या अच्छा मानते हैं। इनमें से 17 फीसदी मतदाता मानते हैं कि वो बहुत अच्छा काम कर रहे हैं जबकि 40 फीसदी उत्तरदाताओं को लगता है कि प्रधानमंत्री इमरान खान का अभी तक का काम अच्छा है। जहां तक चुनावी वादों को पूरा करने की बात है तो इस मामले में 40 फीसदी उत्तरदाता इसके लिए उन्हें एक से दो साल का समय और देना चाहते हैं। इनमें से 26 फीसदी लोग एक साल तो 14 फीसदी लोग उन्हें दो साल का समय देना चहते हैं।
आईआरआई सर्वे 2018 नवंबर एक और 22, 2018 के बीच कराया गया था। सर्वे में पाकिस्तान के सभी क्षेत्रों से 18 और उससे अधिक आयु के 3,991 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया था।