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पाकिस्तान: पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने फिर खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, अल-अजीजिया मामले में सजा रद्द करने की मांग

locationनई दिल्लीPublished: May 20, 2019 07:15:19 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

इस मामले में नवाज को सात साल जेल की सजा दी गई है
पहले उच्च न्यायलय ने सजा रद्द करने के अनुरोध को ठुकरा दिया था
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे नवाज, जांच में सामने आया सच

nawaz sharif
लाहौर। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अल-अजीजिया स्टील मिल्स संदर्भ में अपनी सजा को निलंबित करने के लिए फिर से इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अपने स्वाथ्य और चिकित्सा आधार पर यह दलील दी है। हालांकि,पहले भी उच्च न्यायालय ने सजा रद्द करने के अनुरोध को ठुकरा दिया था। 24 दिसंबर को एक अदालत ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज नेता को अल अजीजिया स्टील मिल्स संदर्भ में दोषी पाया था और उन्हें सात साल जेल की सजा सुनाई थी। अदालत ने कहा कि अल-अजीजिया संदर्भ में पूर्व प्रमुख के खिलाफ ठोस सबूत थे और वह मामले में घोटाला सामने आया है।
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कंपनी को लाभ पहुंचाया

पूर्व प्रधान मंत्री के बड़े बेटे, हुसैन नवाज शरीफ का दावा है कि उन्होंने सऊदी अरब में स्टील समूह की स्थापना के लिए अपने दादा से 5.4 मिलियन डॉलर की राशि प्राप्त की। भुगतान नवाज शरीफ के अनुरोध पर कतर के अमीर द्वारा किया गया था। इसके बाद, 2001 में अल-अजीजिया की स्थापना के लिए दुबई में उनकी अहली स्टील मिल्स से जेद्दा तक स्क्रैप मशीनरी पहुंचाई गई। भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए गठित जेआईटी ने जोर देकर कहा कि मिलों के असली मालिक नवाज शरीफ थे और यह उनकी ओर से उनके बेटे द्वारा संचालित किया जा रहा था। हुसैन उस समय 29 साल के थे। जेआईटी ने यह भी कहा कि नवाज शरीफ को सऊदी अरब में 2005 में हुसैन नवाज शरीफ द्वारा स्थापित एक अन्य कंपनी हिल मेटल्स प्रतिष्ठान से उपहार के रूप में 97 प्रतिशत लाभ प्राप्त हुआ। इस राशि में से नवाज शरीफ ने 77 प्रतिशत अपनी बेटी मरियम नवाज शरीफ को हस्तांतरित किया। यहां भी, नैब का दावा है कि चूंकि शरीफ को हुसैन की कंपनियों से बड़ा लाभ मिला, इसलिए वह असली मालिक हैं, न कि उनका बेटा। हालांकि, कार्यवाही के दौरान एनएबी दस्तावेजी सबूतों के माध्यम से अपने दावे को प्रमाणित नहीं कर सका और इसके बजाय आरोपी पर सबूत का बोझ डाल दिया।
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