दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ( France President Emmanuel Macron ) के बयान को लेकर दुनियाभर के तमाम मुस्लिम देशों में विरोध किया जा रहा है। इसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश भी शामिल है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मैक्रों के बयान की निंदा की और अब पाकिस्तानी संसद ( Pakistan Parliament ) में एक निंदा प्रस्ताव पेश किया।
फ्रांस के खिलाफ Bangladesh में मुसलमानों ने निकाली रैली, फ्रेंच प्रोडक्ट के बायकॉट की मांग
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने प्रस्ताव दिया कि क्यों न फ्रांस से पाकिस्तानी राजदूत को वापस बुला लिया जाए। लेकिन इसमें एक बहुत बड़ी गलती हो गई। अब इसे लेकर दुनियाभर में पाकिस्तान की बदनामी हो रही है।
कुरैशी को अपने मंत्रालय के बारे में जानकारी नहीं
आपको बता दें कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संसद में फ्रांस से राजदूत ( Pakistan Ambassador In France, ) को वापस बुलाने का प्रस्ताव पेश किया जिसपर सहमति भी बन गई। सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ समेत सभी विपक्षी दलों ने एक स्वर में इसका समर्थन किया।
लेकिन शायद विदेश मंत्री कुरैशी को अपने मंत्रालय के बारे में ज्यादा जानकारी मालूम नहीं है। क्योंकि फ्रांस में पिछले तीन महीने से पाकिस्तान का कोई राजदूत ( Pakistan Has No Ambassador In France ) तैनात नहीं है। तीन महीने पहले पाकिस्तानी राजदूत मोइन-उल-हक ने फ्रांस छोड़ दिया था।
बता दें कि पाकिस्तानी सरकार ने मोइन-उल-हक का तबादला कर चीन में पाकिस्तान का नया राजदूत नियुक्त किया था। तब से पाकिस्तान ने फ्रांस में कोई नया राजदूत नियुक्त नहीं किया है। हालांकि, इस समय मोहम्मद अमजद अजीज काजी पाकिस्तान के पेरिस स्थित दूतावास में मिशन के उप प्रमुख हैं।
फ्रांस के राजदूत को वापस भेजने का प्रस्ताव
विदेश मंत्री कुरैशी ने अपने प्रस्ताव में फ्रांसीसी राजदूत को इस्लामाबाद से वापस भेजने की बात कही गई है। हालांकि इसपर अभी कोई राय नहीं बन पाया है। यदि पाकिस्तान फ्रांस के राजदूत को इस्लामाबाद से वापस भेजता है तो फिर दोनों देशों में तनाव और भी गहराने की आशंका बढ़ जाएगी।
सोमवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने फ्रांस के राजदूत को तलब कर राष्ट्रपति मैक्रों के बयान को लकेर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा था कि इस तरह के गैरकानूनी और इस्लाम विरोधी कृत्य पाकिस्तान सहित दुनिया भर में मुसलमानों की भावनाओं को आहत करते हैं।