पाकिस्तान सरकार ने सिंध प्रांत में सक्रिय ‘अलगाववादी संगठन जिये सिंध कौमी महाज-अरिसार (जेएसक्यूएम-ए) और दो आतंकवादी संगठनों सिंधु देश रिवोल्यूशन आर्मी (एसआरए) व सिंधु देश लिबरेशन आर्मी (एसएलए)’ पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। पाकिस्तानी मीडिया में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है जिन्होंने बताया कि तीनों पर आतंकवाद रोधी कानून 1997 के तहत प्रतिबंध लगाने को मंजूरी दी गई है। खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से इन तीनों संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए संपर्क किया था।
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सूत्रों ने बताया कि खुफिया एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि एसआरए और एसएलए सिंध और बलूचिस्तान के विभिन्न इलाकों में आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं। इन दोनों आतंकी संगठनों को जेएसक्यूएम-ए द्वारा राजनैतिक समर्थन दिया जाता है।
चीन-पाक आर्थिक गलियारे के लिए खतरनाक था ये संगठन
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अन्य सूत्र ने कहा कि यह संगठन चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के लिए भी खतरा हैं। सूत्रों ने बताया कि खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में कैबिनेट ने एक महीना पहले ही इन तीनों संगठनों पर प्रतिबंध लगाने पर सहमति दी थी लेकिन कोरोना संकट में उलझने के कारण गृह मंत्रालय इस आाशय की अधिसूचना नहीं जारी कर सका था।
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सिंधी राष्ट्रवादी संगठन जेएसक्यूएम-ए का नेतृत्व इस समय असलम खैरपुरी कर रहे हैं। उन्होंने ‘द न्यूज’ संवाददाता से कहा, “पाकिस्तान में कोई लोकतंत्र नहीं है, संविधान तक पर अमल नहीं होता। केवल कुछ ताकतें देश को चला रही हैं। हमें हमारा अधिकार नहीं दिया जाता। हमारा मानना है कि हम एक साथ (पाकिस्तान के) नहीं रह सकते।” उन्होंने कहा कि उनका संगठन अहिंसा में विश्वास रखता है और इसका एसएलए और एसआरए से कोई लेना-देना नहीं है।