उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि बाहरी ताकतों के साथ मिलकर उन्हें सत्ता से हटाने के लिए सेना को ब्लैकमेल कर रही हैं। इमरान खान ने साक्षात्कार के दौरान कहा कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ( Army Chief General Qamar Javed Bajwa ) किसी तरह से इस दबाव को बर्दाश्त कर रहे हैं, लेकिन ऐसा ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाएगा।
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पाकिस्तानी समाचार चैनल समा टीवी को दिए साक्षात्कर में इमरान खान ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए स्पष्ट तौर पर ये कहा कि बाहरी ताकतों के इशारे पर विपक्षी दल खेल रही हैं। बता दें कि विपक्ष लगातार ये आरोप लगा रही है कि सेना राजनीति में हस्तक्षेप कर रही है और इमरान खान को एक कठपुतली के तौर पर देश की सत्ता में बैठाया गया है।
विपक्ष पर भड़के इमरान खान
प्रधानमंत्री इमरान खान ने विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रैटिक मूवमेंट (PDM) के नेताओं पर जमकर भड़ास निकाली और कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा और खुफिया एजेंसी ISI प्रमुख जनरल फैज को निशाना बना रहा है। ऐसा करके विपक्ष देश की चुनी हुई सरकार को अपदस्थ करना चाहती है।
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इमरान खान ने कहा कि विपक्ष लगातार सेना के खिलाफ बयान दे रही है और दबाव बनाने की कोशिश में जुटी है। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता जिस तरह से सेना को लेकर बयान दे रहे हैं उस पर गद्दारी का केस बन सकता है और इस पर सेना एक्ट का आर्टिकल छह लग सकता है।
साक्षात्कार के दौरान इमरान खान ने सेना प्रमुख बाजवा की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि बाजवा एक सुलझे हुए इंसान हैं, इसलिए बर्दाश्त कर रहे हैं क्योंकि वो लोकतंत्र पर विश्वास रखते हैं। यदि कोई दूसरा सेना प्रमुख होता तो त्वरित प्रतिक्रिया देता। इमरान ने कहा कि पाकिस्तानी सेना उनके अधीन काम करती है और उनके काम से वह खुश हैं।
इमरान खान के खिलाफ विपक्ष एकजुट
आपको बता दें कि इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के लिए तमाम विपक्षी दलों ने एक संयुक्ति मोर्चा बनाया है। 11 विपक्षी दलों के संयुक्त गठबंधन PDM ने इमरान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और लगातार रैली कर दबाव बनाने की कोशिश में है।
बीते 13 दिसंबर को PDM ने लाहौर में एक विशाल जलसा किया था और इसे जलसे को सरकार के खिलाफ लोगों का अंतिम फैसला बताया था। हालांकि इमरान सरकार ने इसे खारिज कर दिया और एक नाकाम रैली करार दिया।
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केंद्रीय गृह मंत्री शेख़ रशीद ने कहा कि विपक्ष ने लाहौर के जलसे को आर-पार की लड़ाई कहा था लेकिन रैली के बाद पता चला कि न आर हुआ न पार, सिर्फ़ विपक्ष हुआ ख़ार। बता दें कि लाहौर की रैली की बाद अब PDM ने राजधानी इस्लामाबाद में एक लॉंग मार्च करने की घोषणा की है, जो कि 31 जनवरी के बाद से कभी भी शुरू हो सकती है।