अब कोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्तान की जनता टिक टॉक पर अपने पसंदीदा वीडियो को बना कर शेयर कर सकेंगे। बता दें कि पाकिस्तान में अक्टूबर 2020 में टिक टॉक पर बैन लगाया था।
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पाकिस्तान सरकार ने आपत्तिजनक कंटेंट दिखाने को लेकर टिक टॉक को बैन कर दिया था। सरकार ने कहा था कि जिस तरह के कंटेंट टिक टॉक पर दिखाया जा रहा है उससे देश के नैतिक मूल्यों पर खराब असर पड़ रहा है। लिहाजा , सरकार ने टिक टॉक को बैन करने का फैसला लिया है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिकारी तारिक गंडापुर ने कहा कि आपत्तिजनक कंटेंट को शेयर होने से रोकने के लिए इस पर बैन लगाया था। मालूम हो कि पाकिस्तान की जनता ने करीब 39 मिलियन बार टिक टॉक को डाउनलोड किया है।
युवाओं ने किया फैसले का स्वागत
आपको बता दें कि वीडियो शेयरिंग ऐप टिक टॉक पाकिस्तान के युवाओं के बीच, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में काफी लोकप्रिय है। अब टिक टॉक पर लगा बैन हटने से पाकिस्तान के युवाओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। युवाओं ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
इधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकारों में से एक का कहना है कि लड़कियों के साथ होने वाले शारीरिक और मानसिक शोषण के लिए टिक टॉक पर दिखाए जाने वाले कंटेंट काफी हद तक जिम्मेदार है।
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बहरहाल, कोर्ट के इस फैसले के बाद से टिक टॉट का राहत मिली है और पाकिस्तान के युवा एक बार से अपनी रूचि और क्रिएटिविटी के हिसाब से वीडियो बनाकर शेयर कर पाएंगे। मालूम हो कि भारत ने भी पिछले साल टिक टॉक समेत करीब 100 से अधिक चीनी ऐप पर बैन लगाया है।