पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने एक दिन पहले 3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव के खारिज होने के बाद नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था। इसके तुरंत बाद इमरान खान को भी पाकिस्तान के पीएम पद से हटा दिया गया। वहीं इमरान खान ने भी तुरंत चुनाव करवाए जाने की मांग की और जनता को भी चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा।
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विपक्ष ने इमरान पर साधा निशाना
राष्ट्रपति द्वारा संसद भंग किए जाने के बाद पाकिस्तान का सियासी संकट सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। वहीं सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले विपक्ष मीडिया से रूबरू हुआ। इस दौरान विपक्ष ने इमरान खान पर जमकर निशाना साधा। शहबाज जाफरी ने कहा कि, इमरान खान ने जानबूझकर संविधान को तोड़ा है। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया।
शहबाज शरीफ ने कहा कि, अब हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस मुल्क को संवैधानिक अधिकार दिलाएगा। हम सर्वोच्च अदालत के फैसले का इंतजार करेंगे। अगर वो चुनाव के लिए कह रहे हैं तो हम भी इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
इसके साथ ही शहबाज ने इस बात पर भी जोर दिया किया कि अगर शीर्ष अदालत अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए कहती है तो हम इसका भी स्वागत करेंगे।पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज और एमक्यूएम ने डिप्टी स्पीकर के कदम को असंवैधानिक बताया है।
क्या कर सकता है सुप्रीम कोर्ट?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ये कह सकती है कि , अब तक की सारी कार्यवाही ही गलत हुई है और पूरे मामले को डिप्टी-स्पीकर के फैसले से पहले ले जाना होगा। ऐसे में फिर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी और उसके बाद जिसके भी पक्ष में फैसला आएगा। वो इस जंग में जीतेगा।
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