जिस जमीन पर 500 बरसों तक मस्जिद खड़ी रही, वहां राम मंदिर का निर्माण निंदनीय है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने न केवल भारत सरकार की आलोचना की, बल्कि सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट का मंदिर बनाने के लिए अनुमति देना, न सिर्फ मौजूदा भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद को दर्शाया है, बल्कि ये भी दिखाता है कि कैसे धर्म न्याय के ऊपर हावी हो रहा है।
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मुस्लिम धर्मस्थलों पर निशाना
उन्होंने कहा, भारत में खासकर मुसलमानों के धर्मस्थलों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। ऐतिहासिक मस्जिद की जगह पर बना मंदिर आने वाले समय के लिए तथाकथित भारतीय लोकतंत्र के चेहरे पर धब्बा रहेगा। मुसलमानों की भावी पीढ़ियाँ उस नए नाजायज ढांचे का संज्ञान लेती रहेंगी, जिस पर हिंदुत्ववादी भाजपा ने प्रचार किया है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सूचना मंत्री फ़ैय्याज़ उल हसन चौहान ने कहा, पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर खोलने जैसा कदम उठा रहा है, जबकि भारत हर वो कदम उठा रहा है जो मुसलमानों और दूसरे अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो और इसी वजह से पूरी दुनिया में उसकी जगहंसाई हो रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री और बीजेपी के फैसले से उनके चेहरे से धर्मनिरपेक्ष देश होने का नक़ाब उतर चुका है जिसकी पूरी दुनिया अब निंदा कर रही है।
पीएम ने रखी राम मंदिर की नींव
बता दें कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi ) ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और मंदिर की आधारशिला रखी। आधारशिला रखने के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि बरसों तक रामलला टेंट के नीचे रहे। अब जल्द ही भव्य मंदिर बनेगा। हमें आपसी प्रेम-भाईचारे के संदेश से राम मंदिर की शिलाओं को जोड़ना है।