खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश मामलों की संसदीय समिति ने 26 जनवरी को भारत की राजधानी दिल्ली में हुए हिंसा को लेकर एक बैठक का आयोजन किया है।इस बैठक में समिति ने मोदी सरकार पर निशाना साधा । इसके साथ ही विरोध-प्रदर्शनों की सराहना करते हुए संघर्षरत सिख किसानों के साथ एकजुटता जाहिर की है।
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इस्लामाबाद में पार्लियामेंटरी हाउस में हुई समिति की बैठक में सांसद मुशैद हुसैन सैय्यद ने इमरान सरकार से कहा है कि वो भारत की तरफ से हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे को अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सामने उठाए। हुसैन सैय्यद ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से कहा, 26 जनवरी मोदी सरकार के अत्याचारों का प्रतिरोध कर रहे लोगों के लिए ‘ब्लैक डे’ था।हमारी सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि आरएसएस जो भारत सरकार में अतिवाद की जड़ है, उसे हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब किया जाए।’
समिति की बैठक में आगे कहा गया कि ‘नई दिल्ली में लाल किले पर सिख किसानों ने अपना पवित्र झंडा फहराया और उनके प्रतिरोध का जरिया एक पाकिस्तानी गाना है। ये समिति सभी सिख किसानों के साथ है।’बैठक में हुसैन सैय्यद ने आगे कहा कि भारत में साल 2019 में 10,000 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की और कई मुस्लिमों को उनके धर्म की वजह से निशाना बनाया गया। ये सारी बातें सरकार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद, यूरोपीय संसद, यूरोपीय यूनियन की कोर्ट और अमेरिका की बाइडेन सरकार के सामने उठाना चाहिए।’
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बता दें इस बैठक विदेश मंत्री कुरैशी ने भारत पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का फर्जी आरोप भी लगाया है।साथ ही कश्मीर मुद्दे को लेकर भी चर्चा की गई।