डेली टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक मामलों के विभाग की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार कुल बाहरी निधियों की आमद या अंत:प्रवाह वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 10.186 अरब डॉलर रही।इसमें 330 अरब डॉलर अनुदान भी शामिल था जबकि इस वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने 9.85 अरब डॉलर कर्ज लिए।
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सरकार ने इस दौरान विदेशी कर्ज और कर्ज सेवाओं पर 8.94 अरब डॉलर का भुगतान किया। विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि इस तरह पाकिस्तान के सार्वजनिक विदेशी कर्ज में शुद्ध 2.29 अरब की बढ़ोतरी हुई।
रिपोर्ट के अनुसार पिछेले दो वित्तीय वर्षो की तुलना करते हुए कहा गया है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षो 2015-16 से 2017-18 के दौरान सार्वजनिक विदेशी कर्जे में क्रमश: 6.82,4.77 और 6.64 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी।
सत्ता परिवर्तन के कारण हुआ ऐसा
इसी रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि वित्त वर्ष 2015-18 के दौरान एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) और विश्व बैंक ने पाकिस्तान को क्रमश: 94.56 और 81.75 करोड़ डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 54.11 और 65.27 करोड़ डॉलर की अदायगी की।
निवर्तमान चालू वित्त वर्ष के दौरान विकास में सहयोग देने वाले सहयोगियों द्वारा सहायता की रफ्तार में कमी आने के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मुख्यत: देश में सत्ता परिवर्तन की बीच की अवधि के कारण रही।
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विज्ञप्ति में कहा गया है कि अंतरिम सरकार के कार्यकाल के दौरान चुनाव आयोग द्वारा विकास की नई परियोजनाओं पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी। साथ ही कुछ समय के लिए प्रासंगिक घटक फोरमस(ईसीएनईसी और सीडीडब्ल्यूपी) भी देश में मौजूद नहीं थे।
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