पूर्व पीएम मियां नवाज ने जताई थी आशंका
पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता आसमां जहांगीर की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ने ये बयान दिया। उन्होंने इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की इमारत में एक ऑडिटोरियम का नाम बदलकर दिवंगत मानवाधिकार कार्यकर्ता आस्मां जहांगीर के नाम पर रखा। इस अवसर पर मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि संविधान में किसी भी तरह के सैन्य शासन के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर मैं इसे रोक नहीं पाऊंगा तो घर लौट जाऊंगा लेकिन इसका कभी समर्थन नहीं करूंगा। आपको बता दें कि पिछले साल पीएम के पद से हटाए गए पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने एक दिन पहले कहा था कि पाकिस्तान सैन्य शासन के कुचक्र में फंस गया है। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी आम चुनाव में किसी भी तरह की देरी को स्वीकार नहीं करेगी। पाकिस्तान में आम चुनाव जुलाई माह में होने हैं।
पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता आसमां जहांगीर की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ने ये बयान दिया। उन्होंने इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की इमारत में एक ऑडिटोरियम का नाम बदलकर दिवंगत मानवाधिकार कार्यकर्ता आस्मां जहांगीर के नाम पर रखा। इस अवसर पर मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि संविधान में किसी भी तरह के सैन्य शासन के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर मैं इसे रोक नहीं पाऊंगा तो घर लौट जाऊंगा लेकिन इसका कभी समर्थन नहीं करूंगा। आपको बता दें कि पिछले साल पीएम के पद से हटाए गए पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने एक दिन पहले कहा था कि पाकिस्तान सैन्य शासन के कुचक्र में फंस गया है। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी आम चुनाव में किसी भी तरह की देरी को स्वीकार नहीं करेगी। पाकिस्तान में आम चुनाव जुलाई माह में होने हैं।
कौन हैं आसमां जहांगीर?
आपको बता दें कि 13 फरवरी को पाकिस्तान की प्रख्यात मानवाधिकार वकील और सामाजिक कार्यकर्ता तथा देश के सशक्त सैन्य प्रतिष्ठान की मुखर आलोचक आसमां जहांगीर का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. अपने मुखर स्वभाव एवं मानवाधिकार के लिए जज्बे को लेकर चर्चित आसमां जहांगीर (66) पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला थीं।
बेटी मुनीजे जहांगीर ने क्या यिा था ट्वीट?
उनकी बेटी मुनीजे जहांगीर ने ट्वीट किया था कि मां अस्मां जहांगीर के गुजर जाने से मैं बिल्कुल टूट गई। हम शीघ्र ही अंतिम संस्कार की तारीख की घोषणा करेंगे। हम अपने रिश्तेदारों का लाहौर आने का इंतजार कर रहे हैं। वरिष्ठ वकील अदील राजा ने कहा कि आज अस्मां को दिल का दौरा पड़ा और उन्हें लाहौर के हामिद लतीफ अस्पताल के जाया गया था।
आपको बता दें कि 13 फरवरी को पाकिस्तान की प्रख्यात मानवाधिकार वकील और सामाजिक कार्यकर्ता तथा देश के सशक्त सैन्य प्रतिष्ठान की मुखर आलोचक आसमां जहांगीर का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. अपने मुखर स्वभाव एवं मानवाधिकार के लिए जज्बे को लेकर चर्चित आसमां जहांगीर (66) पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला थीं।
बेटी मुनीजे जहांगीर ने क्या यिा था ट्वीट?
उनकी बेटी मुनीजे जहांगीर ने ट्वीट किया था कि मां अस्मां जहांगीर के गुजर जाने से मैं बिल्कुल टूट गई। हम शीघ्र ही अंतिम संस्कार की तारीख की घोषणा करेंगे। हम अपने रिश्तेदारों का लाहौर आने का इंतजार कर रहे हैं। वरिष्ठ वकील अदील राजा ने कहा कि आज अस्मां को दिल का दौरा पड़ा और उन्हें लाहौर के हामिद लतीफ अस्पताल के जाया गया था।