फिलिस्तीन को लेकर भारत सख्त
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस आशय की मीडिया रिपोर्टों एवं तस्वीरों के बारे में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, हमने इस बारे में रिपोर्टों को देखा है। फिलिस्तीन के राजदूत लश्करे तैयबा के सरगना के साथ दिख रहे हैं। हम इस मामले को नई दिल्ली में फिलिस्तीन के राजदूत और फिलिस्तीन की सरकार के साथ सख़्ती से उठा रहे हैं।
UN में फिलिस्तीन के पक्ष में था भारत
बता दें कि इसी महीने भारत ने यरुशलम के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका और इजरायल जैसे दोस्तों की अनदेखी करके जिस फिलिस्तीन के पक्ष में वोट दिया था, उस फिलिस्तीन के पाकिस्तान स्थित राजदूत वलीद अबू अली के आज रावलपिंडी में हाफिज सईद की रैली में शिरकत करने से भारत को हैरानी हुई है। इस रैली में अमेरिका एवं भारत सहित कई गैरइस्लामी देशों की निंदा की गई।
हाफिज के साथ दिखे फिलिस्तीनी राजदूत
मीडिया रिपोर्टों में सईद और फिलिस्तीनी राजदूत की तस्वीरें भी दिखाईं गईं हैं। अंतरराष्ट्रीय शिष्टाचार को ताक पर रखते हुए फिलिस्तीनी राजदूत ने हाफिज सईद की रैली को संबोधित भी किया।
ये आतंकवाद का खुला समर्थन
भारत का मानना है कि फिलिस्तीनी राजदूत की यह कदम न केवल भारतीय हितों की अनदेखी है बल्कि अंतरराष्ट्रीय तौर पर घोषित एक आतंकवादी का खुला समर्थन भी है। इस माह के प्रारंभ में भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में आए उस प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया था जिसमें यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने और अमेरिकी दूतावास को वहीं स्थानांतरित करने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की आलोचना की गई थी।