विदेश मंत्रालय ने की तारीफ
पाक मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने जाधव की पत्नी और मां से बदसूलकी करने पर कहा-जॉब वेलडन। वहीं एयरपोर्ट पर उनकी मां का पीछा करने वाली महिला पत्रकारों की भी मंत्रालय में तारीफ की जा रही हैं।
पाक मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने जाधव की पत्नी और मां से बदसूलकी करने पर कहा-जॉब वेलडन। वहीं एयरपोर्ट पर उनकी मां का पीछा करने वाली महिला पत्रकारों की भी मंत्रालय में तारीफ की जा रही हैं।
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी पत्रकार गुल बुखारी ने ट्वीट किया कि न्यूजरूम को अपने रिपोर्टर्स को रिपोर्टिंग की नीतियां सिखानी चाहिए। ये बेहद शर्मनाक है और किसी भी हालात में यह स्वीकार्य नहीं है।
एक और जर्नलिस्ट बेनजीर शाह ने लिखा है कि उनके पास उन पाकिस्तानी जर्नलिस्ट के लिए कोई शब्द नहीं हैं, जिन्हें 70 साल की महिला को शर्मिंदा करना ही देशभक्ति जताने का सबसे बेहतर तरीका लगा।
WION न्यूज के ब्यूरो चीफ तहा शाह सिद्दीकी ने जाधव के परिजनों से अपमानजनक व्यवहार को शर्मनाक बताया। उन्होने लिखा है कि, मैं इस बात से नफरत करता हूं, जो मेरे साथ के पत्रकारों ने किया है। कभी कभी हम घृणा कर देने वाली स्टोरी भी करते हैं, औ ये भी एक ऐसा ही दिन था। ये इसलिए नहीं था कि मैंने आज क्या स्टोरी कवर की बल्कि इसलिए था कि मेरे साथ के ही पत्रकारों ने किसी की मां और पत्नी के साथ कैसा आचरण किया है। जब वो लोग विदेश मंत्रालय से बाहर निकलीं तो उनपर तंज किया गया। ये बहुत शर्मनाक था।
जाधव की मां-पत्नी को कातिल से जोड़ा
इन पत्रकारों ने जाधव से मुलाकात करने गई उनकी मां से चिल्लाकर पूछा था कि अपने कातिल बेटे से मिलकर कैसा महसूस हो रहा है और जाधव की पत्नी से भी अपमानजनक प्रश्न पूछा था कि आपके पति ने हजारों बेगुनाह पाकिस्तानियों के खून से होली खेली है,इस पर वह क्या कहेंगी।
पाकिस्तान ने की वादाखिलाफी
पाकिस्तान सरकार ने यह कहा था कि मीडिया को जाधव की मां और पत्नी से मिलने नहीं दिया जाएगा। पाकिस्तान ने वादाखिलाफी करते हुए जाधव से मुलाकात के पहले और बाद में मीडिया को जाधव के परिजनों से बातचीत की इजाजत दे दी। पाकिस्तानी अधिकारियों ने यह सब जान-बूझकर किया था। मुलाकात से पहले मां और पत्नी को ले जा रही गाड़ी को मीडिया के सामने ही रोकना और मुलाकात के बाद दूतावास से बाहर आने पर उन्हें लेने के लिए गाड़ी देर से भेजना उनकी बदनीयती ही दिखाता है। पाकिस्तानी अफसरों ने मीडिया को दूर करने की भी कोशिश नहीं की।