ये दोनों आतंकी 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद ( Terrorist Hafiz Saeed ) के बेहद करीबी सहयोगी हैं। बता दें कि लाहौर की आतंकरोधी अदालत ने बीते जून में अब्दुल रहमान मक्की और अब्दुस सलाम को एक साल जेल की सजा सुनाई थी।
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कोर्ट ने इन दोनों आतंकियों पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। जुर्मान न भर पाने की स्थिति में कोर्ट ने दोनों कोे 6-6 महीने अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद दोनों ने अपनी सजा के खिलाफ लाहौर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
टेरर फंडिंग में दोषी हैं दोनों आतंकी
आपको बता दें कि गुरुवार को लाहौर हाई कोर्ट ( Lahore High Court ) ने दोनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों की एक साल जेल की सजा को निलंबित कर दिया। हाई कोर्ट की असजद जावेद गुराल और वहीद खान की पीठ ने सुनवाई करते हुए बचाव और अभियोजन दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। इसके बाद उन्होंने मक्की और सलाम के खिलाफ आतंक रोधी अदालत के फैसले को निलंबित करने का आदेश दिया। इसके अलावा दोनों आतंकियों को जमानत पर रिहा करने का भी आदेश दिया। JuD के दोनों आतंकी कोट लखपत जेल में बंद हैं।
मालूम हो कि आतंकरोधी अदालत ने मक्की और सलाम ( Abdul Rahman Makki and Abdus Salam ) को आतंकी फंडिंग में दोषी करार दिया था। दोनों पर आरोप है कि वे धन संग्रह करते थे और गैरकानूनी करार दिए गए लश्कर-ए- तैयबा की अवैध तरीके से फंडिंग करते थे। जमात-उद-दावा की राजनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय मामलों की शाखा के प्रमुख मक्की को प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि इससे पहले पिछले महीने ही पाकिस्तान ने हाफिज सईद समेत जमात उद दावा ( JuD ) लश्कर-ए-तैयबा ( LeT ) से जुड़े पांच आतंकी सरगनाओं के बैंक अकाउंट फिर से बहाल कर दिया था। इस आदेश के बाद हाफिज सईद के अलावा अब्दुल सलाम भुट्टवी, हाजी एम अशरफ, याहया मुजाहिद और जफर इकबाल का बैंक अकाउंट फिर से शुरू हो गया।