राज्य सरकार ने हाल ही में घर-घर औषधि योजना शुरू की है, जिसके तहत प्रत्येक घर में औषधिय पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रथम चरण में चार तरह के पौधे उगाए गए हैं। जुलाई माह से इनका वितरण नि:शुल्क किया जाएगा। तुलसी, नीम गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ प्रजाति के दो-दो पौधे प्रति परिवार दिए जाएंगे। जिला कलक्टर की अध्यक्षता में हर जिले में एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें नोडल एजेंसी वन विभाग होगा। शिक्षा, चिकित्सा, जलदाय, कृषि इत्यादि ऐसे विभाग जो सीधेतौर पर आमजन से जुड़े हुए हैं, उन्हें भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
कोरोना महामारी ने फिर बढ़ाई अहमियत
शास्त्रों में भी कई औषधियों और उनके गुणों का उल्लेख मिलता है। तकनीक और विज्ञान की उन्नति के साथ-साथ एलोपैथी चिकित्सा पद्धति की तरफ रुझान बढ़ता गया और आयुर्वेद की अहमियत कम होती गई। कोरोना के बाद फिर से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति व औषधियों की मांग और अहमियत बढ़ी है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में घर-घर औषधियों का उपयोग किया जा रहा है। कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए चिकित्सक भी तुलसी, नीम गिलोय जैसी औषधियों के उपयोग की सलाह दे रहे हैं।
शास्त्रों में भी कई औषधियों और उनके गुणों का उल्लेख मिलता है। तकनीक और विज्ञान की उन्नति के साथ-साथ एलोपैथी चिकित्सा पद्धति की तरफ रुझान बढ़ता गया और आयुर्वेद की अहमियत कम होती गई। कोरोना के बाद फिर से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति व औषधियों की मांग और अहमियत बढ़ी है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में घर-घर औषधियों का उपयोग किया जा रहा है। कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए चिकित्सक भी तुलसी, नीम गिलोय जैसी औषधियों के उपयोग की सलाह दे रहे हैं।
यों समझें महत्व
गिलोय- यह अमृत के समान है। आयु बढ़ाने में गुणकारी। मधुमेह, खांसी, एनीमिया, पीलिया, चर्म रोग, बुखार के इलाज में उपयोगी। रोग प्रतिरोधक क्षमता में अत्यंत लाभदायी।
अश्वगंधा- इसमें मायोसीन नाम का प्रोटीन होता है। घुटना, रीढ़ जैसी बीमारियों में उपयोगी। तनाव, दमा, खांसी, हृदय से जुड़ी बीमारियां के लिए गुणकारी। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक।
तुलसी- श्वसन से जुड़ी बीमारियों में अत्यंत उपयोगी। वायरसजनित बीमारियों के बचाव में गुणकारी। जुकाम, बुखार, टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू आदि में लाभदायक।
कालमेघ- यह भूख बढ़ाता है। चर्मरोग, लीवर, फैंफड़ों के लिए उपयोगी। रक्त के शुद्धीकरण और कीड़े मारने में रामबाण। मलेरिया में काली मिर्च के साथ उपयोग करने पर अत्यंत गुणकारी।
गिलोय- यह अमृत के समान है। आयु बढ़ाने में गुणकारी। मधुमेह, खांसी, एनीमिया, पीलिया, चर्म रोग, बुखार के इलाज में उपयोगी। रोग प्रतिरोधक क्षमता में अत्यंत लाभदायी।
अश्वगंधा- इसमें मायोसीन नाम का प्रोटीन होता है। घुटना, रीढ़ जैसी बीमारियों में उपयोगी। तनाव, दमा, खांसी, हृदय से जुड़ी बीमारियां के लिए गुणकारी। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक।
तुलसी- श्वसन से जुड़ी बीमारियों में अत्यंत उपयोगी। वायरसजनित बीमारियों के बचाव में गुणकारी। जुकाम, बुखार, टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू आदि में लाभदायक।
कालमेघ- यह भूख बढ़ाता है। चर्मरोग, लीवर, फैंफड़ों के लिए उपयोगी। रक्त के शुद्धीकरण और कीड़े मारने में रामबाण। मलेरिया में काली मिर्च के साथ उपयोग करने पर अत्यंत गुणकारी।
नर्सरियों में तैयार हो रहे पौधे
राज्य सरकार ने घर-घर औषधि योजना शुरू की है। इसके तहत हर परिवार को आठ पौधे नि:शुल्क दिए जाएंगे। नर्सरियों में पौधे तैयार किए जा रहे हैं। जुलाई माह से पौधों का वितरण किया जाएगा। इसके लिए तैयारी की जा रही है। –जयसिंह चारण, उप वन संरक्षक, पाली
राज्य सरकार ने घर-घर औषधि योजना शुरू की है। इसके तहत हर परिवार को आठ पौधे नि:शुल्क दिए जाएंगे। नर्सरियों में पौधे तैयार किए जा रहे हैं। जुलाई माह से पौधों का वितरण किया जाएगा। इसके लिए तैयारी की जा रही है। –जयसिंह चारण, उप वन संरक्षक, पाली
औषधिय पौधे उपयोगी
कोरोनाकाल में औषधियों की उपयोगिता बढऩा हमारे सामने बड़ा उदाहरण है। स्वस्थ और तंदुरूस्त जीवन जीने के लिए आयुर्वेद की महत्ता को जानना जरूरी है। घर-घर में औषधियां उगेगी तो नि:संदेह इसका लाभ भी मिलेगा। –डॉ. जयराजसिंह शेखावत, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, आयुर्वेद अस्पताल, पाली
कोरोनाकाल में औषधियों की उपयोगिता बढऩा हमारे सामने बड़ा उदाहरण है। स्वस्थ और तंदुरूस्त जीवन जीने के लिए आयुर्वेद की महत्ता को जानना जरूरी है। घर-घर में औषधियां उगेगी तो नि:संदेह इसका लाभ भी मिलेगा। –डॉ. जयराजसिंह शेखावत, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, आयुर्वेद अस्पताल, पाली
कहां-कितने तैयार होंगे पौधे
नर्सरी-पौधों की संख्या
सेंदड़ा-154000
सियाट-165000
फुलाद-120000
पाली-40000
गुंदोज-125000
रोहट-50000
सेवाड़ी-137500
जवाईबांध-40000
देसूरी-200000
सेलीबांध-300000
वरकाणा-100000
कुल-1431500
नर्सरी-पौधों की संख्या
सेंदड़ा-154000
सियाट-165000
फुलाद-120000
पाली-40000
गुंदोज-125000
रोहट-50000
सेवाड़ी-137500
जवाईबांध-40000
देसूरी-200000
सेलीबांध-300000
वरकाणा-100000
कुल-1431500