देसूरी उपखण्ड़ में मुठाणा, घोडाधड़ बांध भराव क्षमता से 3-4 फीट दूर हैं। इसके अलावा रणकपुर-सादड़ी, राजपुरा, जूणा मालारी, सेली की नाल, काणा, हरिओमसागर, केसूली बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं। इन सभी बान्ध से रबी की सिंचाई होगी। इससे पूर्व इन सभी बान्ध, नहर माइनर व खालियो की मरम्मत, साफ-सफाई को लेकर कार्य करवाना, किसानों की बैठक में जल वितरण कार्यक्रम तय करना, इन सबके लिए एक अधिकारी एईएन हैं। ऐसे में ये इस काम में बड़ी परेशानी होगी।
नहीं बन पाएंगे एस्टीमेट
बाली उपखण्ड़ में मिठडी, लाटाड़ा, सेवाड़ी बान्ध ओवरफ्लो हैं। दोनों उपखण्ड में सिंचाई का जिम्मा महज एक एईएन व 3 कार्मिकों पर है। इनमें से एक कार्मिक तो सिंचाई शुरू होने से पहले सेवानिवृत्त हो जाएगा। तीन कनिष्ठ अभियन्ताओं के पद रिक्त होने से बारिश के बाद समय पर नहर, माइनर आऊटलेट मरम्मत, साफ सफाई एस्टीमेट नहीं बन पाएंगे। किसानों की बैठक व जल वितरण कार्यक्रम तय नहीं हुआ तो सिंचाई में विलम्ब होगा। इससे रबी की पैदावार प्रभावित होगी। नहरों की पुख्ता मॉनिटरिंग के अभाव से जल वितरण में बन्दरबांट मचने पर कई किसान सिंचाई से वंचित रहेंगे।
बाली उपखण्ड़ में मिठडी, लाटाड़ा, सेवाड़ी बान्ध ओवरफ्लो हैं। दोनों उपखण्ड में सिंचाई का जिम्मा महज एक एईएन व 3 कार्मिकों पर है। इनमें से एक कार्मिक तो सिंचाई शुरू होने से पहले सेवानिवृत्त हो जाएगा। तीन कनिष्ठ अभियन्ताओं के पद रिक्त होने से बारिश के बाद समय पर नहर, माइनर आऊटलेट मरम्मत, साफ सफाई एस्टीमेट नहीं बन पाएंगे। किसानों की बैठक व जल वितरण कार्यक्रम तय नहीं हुआ तो सिंचाई में विलम्ब होगा। इससे रबी की पैदावार प्रभावित होगी। नहरों की पुख्ता मॉनिटरिंग के अभाव से जल वितरण में बन्दरबांट मचने पर कई किसान सिंचाई से वंचित रहेंगे।
उच्चाधिकारियों को सूचित किया
देसूरी व बाली उपखण्ड के कई बान्ध पर चादर बह रही है। जिनसे रबी की फसल के लिए सिंचाई के दौरान किसानों की मांग अनुरूप जलवितरण होगा। विभाग में 18 बांध की देखरेख को लेकर महज 03 कार्मिक हैं। कनिष्ठ अभियन्ता के तीन पद खाली हैं। जिन्हें भरने को लेकर उच्चाधिकारियों से लगातार प्रयास जारी हैं। जीप भी खस्ताहाल है। नहर माइनर व खालियों की मरम्मत व साफ-सफाई को लेकर प्रस्ताव तैयार हो रहे हैं। किसानों की बैठक भी करनी प्रस्तावित है। –गोविन्द सोतवाल, सहायक अभियन्ता, जलसंसाधन विभाग, बाली
देसूरी व बाली उपखण्ड के कई बान्ध पर चादर बह रही है। जिनसे रबी की फसल के लिए सिंचाई के दौरान किसानों की मांग अनुरूप जलवितरण होगा। विभाग में 18 बांध की देखरेख को लेकर महज 03 कार्मिक हैं। कनिष्ठ अभियन्ता के तीन पद खाली हैं। जिन्हें भरने को लेकर उच्चाधिकारियों से लगातार प्रयास जारी हैं। जीप भी खस्ताहाल है। नहर माइनर व खालियों की मरम्मत व साफ-सफाई को लेकर प्रस्ताव तैयार हो रहे हैं। किसानों की बैठक भी करनी प्रस्तावित है। –गोविन्द सोतवाल, सहायक अभियन्ता, जलसंसाधन विभाग, बाली