शिक्षक-शिक्षिकाओं ने जब अपनी-अपनी क्लास के विद्यार्थियों से सम्पर्क साध उनके अभिभावकों के नम्बर मांगे तो सामने आया कि अधिकांश गांवों में नेटवर्क की परेशानी के चलते नेट नहीं चलता है। वहीं ऐसे विद्यार्थियों की संख्या अधिक है जिनके अभिभावकों के पास एंड्रोइड मोबाइल नहीं हैं। इससे ऑनलाइन शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों के जहन में बाहर बार यही सवाल उठ रहा है कि वे पढाई कैसे करेंगे।
इन हालातों को देख पहाड़ी क्षेत्र के गांवों की सरकारी स्कूलों के स्टाफ ने अपने स्तर पर तोड़ निकाल लिया। उन्होंने अलग-अलग गु्र्रप नहीं बना एक ही ग्रुप बना दिया। जिसमें उन सभी अभिभावकों को जोड़ दिया जिनके पास एंड्रोइड मोबाइल है। हालांकि मैदानी क्षेत्र में 80 फीसदी अभिभावकों के पास एंड्रोइड मोबाइल होने से उनके बच्चों ऑनलाइन शिक्षा का लाभ उठा सकेंगे।
ये बात सही है कि पहाड़ी क्षेत्र के गांवों में ये परेशानी आ रही है। सोशल डिस्टेसिंग के चलते बच्चों को एक साथ पढऩे का भी नहीं कह सकते। फिलहाल कक्षा एक से 12 तक के जिन विद्यार्थियों के अभिभावकों के पास एंड्रोयड मोबाइल है उन्हें गु्रप में जोड़ शिक्षकों ने अपने स्तर पर तैयार पाठ्य सामग्री उपलब्ध करानी शुरू करवा दी है। विभाग से 13 अप्रेल को सामग्री मिलते ही उपलब्ध करवा दी जाएगी।