मानव सेवा ही ध्येय : नेत्र दान हो या देहदान, सभी में पाली आगे
सेवा और दान का जज्बा : पाली से 736 जनों ने किया नेत्रदान

पाली। पाली जिले में दान धन का ही नहीं किया जाता है। यहां देह और नेत्र दान करने वालों की भी कमी नहीं है। पाली से अब तक आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान चैप्टर पाली की ओर से 735 लोगों का नेत्रदान करवाया जा चुका है। इन नेत्रों से कई लोग आज दुनिया की सुंदरता को निहार रहे है। जिन लोगों के परिजनों ने नेत्रदान किया है। उनको यह संतुष्टी है कि उनके पूर्वजों के नेत्र से देखने वाले उनको दुआ देते हैं और उनके नेत्र आज भी कही न कही से उनको आशीर्वाद दे रहे है।
पाली में नेत्रदान के लिए सोसायटी बनने से पहले उसके सदस्यों को नेत्रहीन लोगों को देखकर दुख होता था। इस पर उन्होंने नेत्रदान के लिए कार्य करने की ठानी। सोसायटी सचिव केवलचंद कवाड़ बताते है कि हम जब भी नेत्र दान करवाने जाते है तो बड़ी मुश्किल होती है। मृतक के परिजनों को दुख की घड़ी में कैसे मोटीवेट किया जाए। यह बड़ा कठिन होता है। इसके बावजूद पाली के लोगों का जज्बा दान के लिए कम नहीं है। वे प्रेरित करने पर तैयार हो जाते है। इसी जज्बे के चलते पाली में 736 देहदान करवाए जा सके है।
पाली में देह भी की दान
पाली में सोसायटी की ओर से अभी तक 3 जनों का देहदान करवाया गया है। सोसायटी ने पहला देहदान शांतिलाल कांकरिया, दूसरा शारदा तातेड़ व तीसरा कमला भंडारी का करवाने में सहयोग किया था। अभी सोसायटी के पास 5 जनों ने देहदान की घोषणा की है। ये कालू देवी कांकरिया पत्नी सोहनलाल, रमेशचंद मेहता पुत्र राणमल मेहता, सुनिता मेहता पत्नी रमेशचंद मेहता, ताराचंद मेहता पुत्र भूरमल गोलेच्छा व सीता देवी पत्नी कामनसिंह रावणा रापजूत शामिल है।
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