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सावधान! इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कहीं आप ये नुस्खें तो नहीं आजमा रहे, पढ़े पूरी खबर…

locationपालीPublished: Aug 08, 2020 10:38:19 am

Submitted by:

rajendra denok

नुस्खों का साइड इफेक्ट : इंटरनेट पर इम्यूनिटी बढ़ाने के नुस्खों की बाढ़- बिना चिकित्सकीय सलाह के इनका उपयोग घातक

सावधान! इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कहीं आप ये नुस्खें तो नहीं आजमा रहे, पढ़े पूरी खबर...

सावधान! इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कहीं आप ये नुस्खें तो नहीं आजमा रहे, पढ़े पूरी खबर…

-राजेन्द्रसिंह देणोक

पाली। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कहीं आप भी दिन में कई बार बार काढ़ा, हल्दी मिला दूध, लौंग, दालचीनी, तुलसी, अदरक जैसी गर्म तासीर वाली चीजें तो नहीं ले रहे हैं? यदि ऐसा कर रहे हैं तो सावधान! अत्यधिक मात्रा में औषधियों का सेवन आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती है। पिछले कुछ महीनों से अस्पतालों में आ रहे कई मरीजों में अल्सर और पेट दर्द जैसी बीमारियों के प्रारंभिक खतरे सामने आए हैं। पिछले दो-तीन महीनों से ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इनमें ज्यादातर ऐसे लोग हैं जो किसी चिकित्सक की सलाह के बिना ही औषधियों का जरूरत से ज्यादा उपयोग कर रहे हैं।
आजमा रहे इंटरनेट के नुस्खे
कोरोना महामारी का कहर शुरू होते ही इम्यूनिटी बढ़ाने के नुस्खे आम हो गए हैं। हर कोई इम्यूनिटी बढ़ाने का जतन कर रहा है। खासतौर से इंटरनेट पर ऐसे प्रचार की बाढ़ आई हुई है। ज्यादातर लोग चिकित्सकीय परामर्श की बजाय इंटरनेट को ही गुरु मानकर तरह-तरह के नुस्खे आजमा रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार यह प्रयोग घातक साबित हो सकता है। किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक की सलाह के बिना कोई भी औषधी का लंबे समय तक उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। चिकित्सकों का कहना है कि यहां मसालेदार खान-पान का चलन है। लोंग, हल्दी इत्यादि कई चीजें खाने में उपयोग होती है। इसके बाद अलग से ऐसी चीजों का असीमित सेवन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
क्या करें
-वयस्क को दिन में एक बार 20 एमएल अधिकतम और बच्चे को 5-10 एमएल गर्म काढ़ा पिलाना स्वास्थ्यवद्र्धक है। सामान्य नाश्ता करने के बाद ही काढ़ा पीना उपयोगी रहता है। यह एक सप्ताह से अधिक उपयोग न करें। कम से कम एक सप्ताह का गेप देने के बाद पुन: शुरू किया जा सकता है।
-खाने के बाद सौंफ और मिसरी का उपयोग अवश्य करना चाहिए।
-दूध में हल्दी की मात्रा चुटकी भर होनी चाहिए। दस साल से छोटे बच्चों को हल्दी का दूध पिलाने से बचें।

-दालचीनी का प्रयोग चुटकीभर से भी कम फायदेमंद रहता है। इसकी अत्यधिक मात्रा लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है।
-किसी भी तरह की औषधि का चिकित्सकीय परामर्श से ही उपयोग करें।
-व्यायाम नियमित करना जरूरी है।

एक फॉर्मूला सभी पर लागू नहीं हो सकता
औषधियों के उपयोग का एक ही फॉर्मूला सभी पर लागू नहीं हो सकता। इम्यूनिटी भी कुछ ही दिन में नहीं बढ़ सकती। इसके लिए दिनचर्या में सुधार आवश्यक है। डॉक्टर व्यक्ति की शारीरिक आवश्यकता के अनुसार माइक्रोन्यूट्रीएंट और मात्रा तय करते हैं। आयुर्वेद अंदाज से नहीं बल्कि सही मात्रा और कॉंम्बिेनेशन से काम करता है। ठंडे और गर्म तासीर का बैलेंस जरूरी है। –डॉ. कैलाश प्रजाति, एमडी, आयुर्वेद पंचकर्म
निश्चित मात्रा में ही दवा फायदेमंद
बिना चिकित्सक की सलाह कोई भी दवा नहीं लेनी चाहिए। किसी भी दवा का निश्चित मात्रा में उपयोग फायदेमंद रहता है। अन्यथा वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होती है। हर औषधी का अलग फार्मूला होता है। आम व्यक्ति को औषधियों की पहचान नहीं होती है। कई लोग समझ के बिना अनावश्यक चीजें भी सेवन कर लेते हैं। इससे उल्टा नुकसान होता है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी चिकित्सक की सलाह ही कारगर है। –डॉ. जयराजसिंह शेखावत, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, आयुर्वेद चिकित्सालय,पाली
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