scriptघर से निकलने की काट रहा सजा, तीन दिन बाद भी नहीं कराया गया आरटीपीसीआर टेस्ट | A man who wanders needlessly in Pali is placed in Quarantine Center | Patrika News

घर से निकलने की काट रहा सजा, तीन दिन बाद भी नहीं कराया गया आरटीपीसीआर टेस्ट

locationपालीPublished: May 12, 2021 09:42:03 am

Submitted by:

Suresh Hemnani

-चिकित्साकर्मी नहीं पहुंचे आश्रय स्थल सैम्पल लेने-पुलिसकर्मी बाहर जाने नहीं दे रहे

घर से निकलने की काट रहा सजा, तीन दिन बाद भी नहीं कराया गया आरटीपीसीआर टेस्ट

घर से निकलने की काट रहा सजा, तीन दिन बाद भी नहीं कराया गया आरटीपीसीआर टेस्ट

पाली। रेड अलर्ट अनुशासन पखवाड़े में बेवजह घर से निकलने वालों को पुलिस की ओर से क्वॉरंटीन किया गया था। उनमें से एक था जय भटनागर। जो 9 मई को घर से निकला तो ओवरब्रिज से आगे पुलिसकर्मियों ने उसे पकडकऱ प्रताप नगर के आश्रय स्थल में भेज दिया। वहां उसे तीन दिन हो गए है, लेकिन अभी तक उसका आरटीपीसीआर टेस्ट तक नहीं कराया गया है। उसके पूछने पर एक ही जवाब मिल रहा है, हमें पता नहीं कब टेस्ट होगा। चिकित्साकर्मी आएंगे तो सेम्पल ले जाएंगे। इधर, युवक की मां कोरोना पॉजिटिव होने से घर पर बीमार है। जिसकी चिंता उसे सता रही है और घर वाले भी परेशान है।
घर में सब कर रहे चिंता
जय बताता है कि घर में दादा-दादी, पापा-मम्मी सभी चिंता कर रहे है। मुझे क्वॉरंटीन करने पर पुलिसकर्मियों ने कहा था कि शाम को सेम्पल लेंगे। उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने पर छोड़ देंगे। सेम्पल अभी तक नहीं लिया गया है। जब मुझे यहां लाया गया था तो मैं अकेला था। अभी चार-पांच लोग और भी है। उनका भी सेम्पल नहीं लिया गया है। आश्रय स्थल का दरवाजा भी 24 घंटे बंद रहता है। ऐसे में एक कैदी बन कर रह गया हूं।
पत्रिका व्यू : सख्ती जरूरी, लेकिन लापरवाही नहीं
कोरोना की चेन तोडऩे के लिए सख्ती जरूरी है। लोगों को घर से नहीं निकलने देना भी जरूरी है, लेकिन संस्थागत क्वारंटीन किए लोगों को इस तरह तीन-तीन दिन तक आरटीपीसीआर सेम्पल नहीं लेना गलत है। होना तो यह चाहिए कि उसे क्वॉरंटीन करने के बाद उसी दिन सेम्पल लेकर जांच के लिए भेजा जाए। जिससे 24 या 48 घंटे में रिपोर्ट मिले। जिसके नेगेटिव आने पर व्यक्ति फिर अपने घर जा सके।
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